शराब और इश्क़ कि फितरत एक सी है, दोनों में वही नशा, वही दिलकशी, एक दिन तौबा करो उनसे, दुसरे दिन फिर वही दीवानगी, फिर वही खुदखुशी.....!!!
मैखाने से दीवानों का रिश्ता है पुराना, दिल मिले तो मैखाना, दिल टूटे तो मैखाना…...!!!
यार तो अक्सर मदिरालय मे हीं मिलते हैं, वर्ना अपने तो मंदिर में भी मुँह मोड़ते हैं…......!!!
कुछ तो शराफ़त सीख ले, ए इश्क़, शराब से, बोतल पे लिखा तो है, मैं जान लेवा हूँ.......!!!
मैखाने मे आऊंगा मगर…पिऊंगा नही साकी, ये शराब मेरा गम मिटाने की औकात नही रखती…...!!!
प्यार के नाम पे यहाँ तो लोग खून पीते है, मुझे खुद पे नाज़ है की मैं सिर्फ शराब पीता हु.......!!!
लगता है बारिश भी मैखाने जाकर आती है, कभी गिरती, कभी संभालती, तो कभी लड़खड़ा कर आती है........!!!
मै तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती, मै जवाब बनता अगर तू सबाल होती, सब जानते है मै नशा नही करता, मगर मै भी पी लेता अगर तू शराब होती.......!!!
इतनी पीता हू की मदहोश रहता हू, सब कुछ समझता हू, पर खामोश रहता हू, जो लोग करते है मुझे गिराने की कोशिश, मै अक्सर उन्ही के साथ रहता हू........!!!
जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों, रात को पी हुयी शराब सुबह उतर जाएगी, अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देख, सारी उमर नशे में गुज़र जाएगी…..!!!
तू' डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में, जब तक 'वो' न निकले मेरे ख्यालों से.........!!!
मयखाने बंद कर दे चाहे लाख दुनिया वाले, लेकिन....शहर में कम नही है, निगाहों से पिलाने वाले......!!!
उसने हाथो से छू कर दरिया के पानी को गुलाबी कर दिया, हमारी बात तो और थी उसने मछलियों को भी शराबी कर दिया
जिनके आँगन में अमीरी का पेड लगता है, उनका हर ऐब ज़माने को हुनर लगता है.........!!!
ना करूं तुझको याद तो खुदकी साँसों में उलझ जाता हूँ मैं, समझ नहीं आता की ज़िन्दगी साँसों से हे या तेरी यादों से..........!!!
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