क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर, हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा हैं......!!!
काश !! किस्मत भी नींद की तरह होती, हर सुबह खुल जाती…...!!!
चले जाएंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर, कदर क्या होती है ये तुझे वक्त सिखा देगा…..!!!
गुनाह है गर इश्क तो, कबूल है मुझे हर सज़ा इश्क की…..!!!
मोहब्बत भीख है शायद, बड़ी मुश्किल से मिलती है.......!!!
तूम्हारे बाद मेरा कोन बनेगा हमदर्द, मैंने अपने भी खो दीए.. तूम्हे पाने कि जीद मे ....…!!!
जो न मानो तो फिर तोल लेना तराजू के पलड़ों पर, तुम्हारे हुस्न से कई ज्यादा मेरा इश्क भारी है..........!!!
मैं तेरे नसीब कि बारिश नहीं जो तुजपे बरस जाऊं, तुजे तक़दीर बदलनी होगी मुझे पाने के लिए..........!!!
पलकों की हद को तोड़ कर दामन पे आ गिरा, एक अश्क़ मेरे सब्र की तौहीन कर गया…..........!!!
सजा तो मुझे मिलना ही थी मोहब्बत में, मैंने भी तो कई दिल तोड़े थे तुझे पाने के लिए.......!!!
उसे बोल दो कि मेरे ख्वाबों में ना आया करे, रोज आँख खुलती है और दिल टुट जाता है......!!!
लोगों ने पूछा कि कौन है वोह, जो तेरी ये उदास हालत कर गया, मैंने मुस्कुरा के कहा उसका नाम, हर किसी के लबों पर अच्छा नहीं लगता.…!!!
कोई रूह का तलबगार मिले तो हम भी महोब्बत कर ले, यहाँ दिल तो बहुत मिलते है, बस कोई दिल से नहीं मिलता…!!!
कोई वादा नहीं फिर भी प्यार है, जुदाई के बावजूद भी तुझपे अधिकार है, तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही, मुझसे मिलने को तू भी बेक़रार है.....!!!
जीना चाहता हूँ मगर जिदगी राज़ नहीं आती, मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती, उदास हु इस जिनदगी से, क्युकी उसकी यादे भी तो तरपाने से बाज नहीं आती....!!!
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