हम भी कुछ प्यार के गीत गाने लगे हैं, जब से ख़्वाबों में मेरे वो आने लगे हैं।
उसके लिये तो मैंने यहाँ तक दुआएं की है, कि कोई उसे चाहे भी तो बस मेरी तरह चाहे।
तेरे शहर में आ कर बेनाम से हो गए, तेरी चाहत में अपनी मुस्कान ही खो गए, जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे, कि जैसे तेरी आशिक़ी के गुलाम ही हो गए।
क्यूँ किसी से इतना प्यार हो जाता है, एक दिन का भी इंतजार दुश्वार हो जाता है, लगने लगते है अपने भी पराए, जब एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है।
बहन से कलाई पर राखी तो बँधवा ली, 500 रू देकर रक्षा का वचन भी दे डाला! राखी गुजरी, और धागा भी टूट गया, इसी के साथ बहन का मतलब भी पीछे छूट गया! फिर वही चौराहों पर महफिल सजने लगी, लड़की दिखते ही सीटी फिर बजने लगी! रक्षा बंधन पर आपकी बहन को दिया हुआ वचन, आज सीटियों की आवाज में तब्दील हो गया ! रक्षाबंधन का ये पावन त्यौहार, भरे बाजार में आज जलील हो गया !! पर जवानी के इस आलम में, एक बात तुझे ना याद रही! वो भी तो किसी की बहन होगी जिस पर छीटाकशी तूने करी !! बहन तेरी भी है, चौराहे पर भी जाती है, सीटी की आवाज उसके कानों में भी आती है! क्या वो सीटी तुझसे सहन होगी, जिसकी मंजिल तेरी अपनी ही बहन होगी? अगर जवाब तेरा हाँ है, तो सुन, चौराहे पर तुझे बुलावा है! फिर कैसी राखी, कैसा प्यार सब कुछ बस एक छलावा है!! बन्द करो ये नाटक राखी का, जब सोच ही तुम्हारी खोटी है! हर लड़की को इज़्ज़त दो , यही रक्षाबंधन की कसौटी है!
पत्नी:- तुम मुझसे कितना प्यार करते हो ? पति:- 72% पत्नी:- 100% क्यों नही?? पति:- 28% तो GST है ना पगली, लक्ज़री आइटम पर।
संता और बंता दोनों भाई एक ही क्लास में पढ़ते थे। अध्यापिका: तुम दोनों ने अपने पापा का नाम अलग-अलग क्यों लिखा? संता: मैडम फिर आप कहोगे नक़ल मारी है, इसीलिए।
न मरो सनम बेवफा के लिए, दो गज जमीन नहीं मिलेगी दफ़न होने के लिए, मरना है तो मरो वतन के लिए, हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तेरे कफ़न के लिए!!!
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पे मर मिटने वालों का बाकी यही निशां होगा अनेकता में एकता ही इस देश की शान है, इसीलिए मेरा भारत महान है हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम भारतीय हैं !!!!
मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ, मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की, तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
न पूछो ज़माने को, क्या हमारी कहानी है, हमारी पहचान तो सिर्फ ये है, की हम सिर्फ हिन्दुस्तानी हैं ......!!!
मेरा "हिंदुस्तान" महान था, महान है और महान रहेगा, होगा हौसला बुलंद सब के ड़ों में बुलंद तो एक दिन पाक भी जय हिन्द कहेगा.
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि, मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे
दिल में प्यार का आगाज हुआ करता है, बातें करने का अंदाज हुआ करता है, जब तक दिल को ठोकर नहीं लगती, सबको अपने प्यार पर नाज हुआ करता है!
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