Bewafa Shayari

Humen to sanam tumhari bewafai ne maraa nhi to Hamare dushmanon ki itni himmat nhi ki hame najre utha ke dekh sake.......

Meri jindazi ka hissa tum ho Meri jindazi ka kissa tum ho Meri jindazi ka matalab tum ho Jis din tumne bhoola diya us din Ham nhin is duniya main............

रात की गहराई आँखों में उतर आई, कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई, ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के, कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई। Sonu prajapati

Posted On: 11-01-2019

जिसने खाये है दिल पर जखम वो इस जखम से क्या घबराएगा जिसने पिये है खून के आँशु वो इस खून से क्या मर जायेगा

Posted On: 11-01-2019

काश हमने तुम्हे चाहा नही होता आँशु का दरिया यूं बहाया नही होता हमे क्या पता था मौत है वहां वरना तुम से दिल लगाया नही होता

Posted On: 09-01-2019

मुश्किल इतनी भी न थी राह अपनी मोहब्बत की यारों, अफ़सोस उनकी फितरत और नियत ही कुछ ऐसी थी..

Posted On: 05-01-2019

अये बेवफा मैं तेरी बेवफाई में दिल बेकरार ना करूं, अगर तू कह दे तो मैं तेरा इंतजार ना करू, अगर तू है बेवफ़ा, तो कुछ इस कदर बेवफाई कर, कि तेरे बाद मैं किसी और से प्यार ना करू ।। Yashraj

Posted On: 16-12-2018

हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे; तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे; किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा; हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे।

Posted On: 02-12-2018

Mangi thi jisne mere liye Duwayen kbhi...jindgi ke liye, Vo hi aaj Zahar de Gaya Mujhe marne ke liye...kisi aur ke liye

Posted On: 02-12-2018

हम नहीं जानते की मोहब्ब्त में बेवफाई क्यूँ मिलती है, बस इतना जानते है की किसी को टूट कर चाहो तो वो ही दिल तोड़ कर चले जाते है !! Yashraj

Posted On: 28-11-2018

दिल देता है दुआ ये नयी पहचान बन कर, दूर चले जाएंगे हम तेरी जिंदगी से एक उभरा हुआ तूफान बन कर। खुश रहना तू हमेशा उसकी पनाह में। जो बसा है तेरे दिल में तेरी पहचान बन कर।

Posted On: 07-10-2018

The deal has done something like your dreams, from my sleep .., Either both come, or no one comes

Posted On: 04-09-2018

The Lord gave us two ends - one to sit on and the other to think with. Success depends on which one we use the most

Posted On: 30-08-2018

दिल-ऐ -ग़म गुस्ताख़ फिर तेरे कूचे को जाता है ख्याल दिल -ऐ -ग़म गुस्ताख़ मगर याद आया कोई वीरानी सी वीरानी है . दश्त को देख के घर याद आया

Posted On: 15-12-2017

आज कल सब कहते हैं मैं बुझा सा रहता हूँ, अगर जलता रहता तो कब का खाक हो जाता।