हाँ मुझे प्यार हुआ था, वो था, था ही रहेगा
किसी ने ये पूछ कर रुला दिया, तुम दोनों कबसे बात नही करते
तेरी गलियों में आना छोड़ दिया है...l, वर्ना चर्चे तो हमारे भी कमाल के होते
सोच कैसी है ईमान कैसा है, लफ्ज़ बता देते हैं इंसान कैसा है
मसला ये है meri जान .... तुम्हें फरिश्ता चाहिए और मैं इंसान हूं
हम नाराज नही है तुमसे, पर हाँ दिल दुखा है मेरा
कि वो meri तरह तुझे पुकारता है क्या, इंतजार में शामें गुज़रता है क्या, माना रखता है वो तुझ पर नजर, Meri तरह तेरी नजर उतरता है क्या
पतझड़ में पत्ते गिरते हैं, नजर से गिरने का कोई मौसम नही होता
वो जिस दिन याद करेगा meri मोहब्बत को, वो रोयेंगे बहुत फिर से मेरा होने के लिए
तुम याद नही करते हम भुला नही सकते, तुम्हारा हमारा रिश्ता कुछ ऐसा है कि, तुम सोच नही सकते और हम बता नही सकते
दिल तोड़कर... ये मत सोचना कि तुमको भूल जाएंगे, मोहब्बत की है तुमसे, तुम्हारी तरह timepaas नही
टूट कर चाहना और फिर टूट जाना, बात छोटी सी है मग़र जान निकल जाती है
धोखा देती है हर मासूम चेहरे की चमक, हर कांच के टुकड़ों को हीरा नही कहते
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे-धीरे, एक शहर इनका भी होना चाहिए
मत कर यहां हर किसी पर भरोसा ए दोस्त, अपनी भलाई के लिए लोग कसमें भी झूठी खा लेते हैं
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