ओ मेरे नाम की झूठे कसमे खाते रहे । हम उनके कसम पे एतेबार करते रहे । जो कहते थे हमपे सिर्फ आपका हक है । आज ओ हक किसी और को देने लगे । शायर दीपक भरद्वाज सिंह
मेरे नाम की मेेहंदी अपने हाथो से मिटाने लगे हैं । किसी ओर से ओ शादि रचाने लगे हैं । जो कभी मेरे मंदिर की मूरत हुआ करती थीं । ओ कीसी ओर के साथ घर बसाने लगी हैं । BY - Deepak Bhardwaj Singh
तुझको भरी मफ़िल मे बदनाम कर जायेगें । तेरी तस्वीर को सरेआम नीलाम कर जायेगें । अभी तक तुमने मेरा प्यार देखा है । अब दुसमनी की हर हद पार कर जायेगें । BY - S. Deepak Bhardwaj Singh
जिसकी याद मे सारा जहा को भुल गये । सुना है आज कल वो हमारा नाम तक भुल गये ।। कसम खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो । आज वो हमारे लाश पर आना भुल गये ।। BY - S. Deepak Bhardwaj Singh
हमसे ओ जो दुर हुए । खुदा कसम हम बहुत मज्गुर हुए । ओ हम पे एसी सजा मुकर्रर कर गए । उनके हर गली मे हम इश्क़ मे मशहूर हो गये ।। By- S. Deepak Bhardwaj Singh
आज उनको याद करके रोया । उनकी तस्वीर को सीने से लगाकर रोया ।। में रोया हूँ इस कदर उस बरसात से पुछो । जो अपने प्यार के लिए बिन मोसम रोया ।। By- S. Deepak Bhardwaj Singh
मैं शायर नही .......मैं शायर नही .......। मुझपे जो बीती मैं ओही लिखता हूँ ।। मैं लिखता हूँ किसी की याद में । और लोगों को लगता हैं मैं शायरी लिखता हूँ ।। By - S. Deepak Bhardwaj Singh
काश खुदा ने हमें आपसे मिलाया ना होता । प्यार का फुल हमारे दिल में खिलाया ना होता ।। बड़े आराम से काट लेते जिन्दगी आपनी ।। काश हमने तुमसे दिल कभी लगाया ना होता ।। By - S. Deepak Bhardwaj Singh
मुझें मत दफना अभी मेरे दोस्त । मेरे जिक्र का किशसा बांकी है । ओ हमसे मिलने आ रहे हैं । इस आस मे मेरी सास कुछ पल बांकी है । बरसों इन्तज़ार किया है इस पल का । हमारी अभी अधूरी मुलाकात बांकी है ।। BY- शायर दीपक भरद्वाज सिंह
हमारे सिवा तेरा ज़िकर कोई और करे ये हमे गवारा नहीं । तेरी रूह को कोई और छुए ये भी हमे गवारा नही ।। हम तो खुदा से भी टकरा सकते हैं आपकी खातिर । हवा भी तुमको छु कर गुजरे ये हमे गवारा नहीं ।। By- S. Deepak Bhardwaj Singh
मयखाने मे छलकता शराब लीये बैठा हूँ मैं । किसी की याद में उनकी तस्वीर को सीने से लगाए बैठा हूँ मैं । मुझे मालुम है नही आएगी ओ मेरे जनाजे में । फिर भी अपनी अर्थी को सड़क पर सजाए बैठा हूँ मैं । By- S. Deepak Bhardwaj Singh
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 ⚘⚘लव यू & मिस्स यू 2511⚘⚘ ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ वो हमें इस कदर भूल जाएंगे ये हमने सोचा ना था । ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ हमारे दिल को यूं तोड़ जाएंगे ये हमने सोचा ना था । ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ क्या खता थी हमारी जो यह सजा मिली है हमको । ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ जिसको दिल से चाहा वही बेवफा हो जायेंगे ये हमने सोचा ना था । ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ 🍁🍁By- S. Deepak Bhardwaj Singh🍁🍁
🌺किसी की याद में अपने आंसुओं को कभी सूखने न दिया । 🌷🌷🌷🌷 इन आंखों में उनकी जो तस्वीर थी वह कभी मिटने न दिया ।🥀🥀🥀🥀🥀 न दिया इस दिल में जगह उसके सिवा किसी ओर को । ⚘⚘⚘⚘⚘⚘ अपने लबों पे उनके नाम के सिवा किसी ओर का नाम आने न दिया । ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 🥀MISS YOU 2511🥀 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 ⚘⚘⚘BY- शायर दीपक भरद्वाज सिंह⚘⚘⚘
उन भारत के गद्दारों को बस एक सबक सिखाते। जिस सभा में की थी उन्होने के विभाजन की बात उसी समय उसी सभा में उनका शीश काट गिराते।
न जाने क्यों आज कल तुम इतने खफा होते जा रहे हो। बफा तो बहुत देखी थी मैंने तुम्हारे अन्दर पर न जाने क्यों तुम इतने बेबफा होते जा रहे हो।
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