Hindi Shayari

“दोस्तों आपके पास जो है उसकी कद्र करो, क्योंकि यहां आसमान के पास भी उसकी खुद की ज़मीन नही है।”

Posted On: 10-06-2023

ye ishq ka gulabi rang nahi janab ye toh lahu mein lipte hue mehnat ka singar hai jis jism ko tum fareb ke liye dhundhte ho ye bhi maat bhulo ko ye devi maa ka swaroop hai

Posted On: 09-06-2023

तेरी तारीफ में कुछ लफ्ज़ कम पड़ गए, वरना हम भी किसी ग़ालिब से कम नहीं।

Posted On: 14-05-2023

वो ना अब शहर में है ना ही मेरी दुनिया में हंसकर लूटा करते थे पहले जिनकी आंखों पर

Posted On: 28-04-2023

मैं समझता हूं तेरी मजबूरी तेरे हालात असद कोई हमें भी समझने वाला होना चाहिए एमडी असद गाज़ी

Posted On: 16-01-2023

तुम से ही शुरू तुम से ही खतम मेरी ज़िंदगी मेरी दुनियां तुमने मुझे जीना सिखाया इस दुनिया से लड़ना सिखाया जो तुम ना हो तो कुछ भी नही

Posted On: 06-01-2023

मोहोबात का कुछ ऐसा मंजर है प्यार तेरा सर चढ़ा है शराब पी है नशा है पर सुरूर तेरा सर चढ़ा है ना भूले है ना भूल पाने के फितूर है तेरा जो सर चढ़ा है मयंक त्यागी

Posted On: 06-01-2023

आग भी बुझ गई हमारे मेखाने की । एक कसक है दिल मैं तुम्हारे वापस ना आने की। बीत जायेगा ये सर्द दिन और गमगीन रात जसे बीत गई शाम हमारी मेखने की।। मयंक त्यागी

Posted On: 05-01-2023

Tere ishq me khoker me khud se juda ho jau.. Ki paaker tumhe is zamane se me fanaa ho jau.. Teri muskan ka ghayal hu me ki teri masumiyat per me lut jau.. Ashiq hu tera me ki teri har adaa per me kurban ho jau..

Posted On: 03-01-2023

कम चल ऐ मेरे दिल की कलम। रुक जरा देख तोह सही तेरे कदमों में मेरे मेहबूब का नाम आया हे।

Posted On: 21-12-2022

मेरी दास्तां खतम होने वाली है काश एक बार उसका दीदार हो जाए ।। और उसका दीदार होते ही मेरी आंखों को सुकून हो जाए फिर इन आंखों को चाहे चील या कौवे नोचे चाहे फिर मेरी रूह ही नस्ट हो जाए।।

Posted On: 06-12-2022

Najane aaj unse kyu phir dubara mulaqut ho gayi Najane aaj unse kyu phir dubara mulaqut ho gayi jisse pehle milkar laga tha zindagi mil gaya Aaj usse dekhkar nafrat si ho gayi...

पूछते है लोग मुझसे ये अल्फाज़ कहाँ से लाता हूँ, बहते है रोज जो आंसू मेरे, मै उन्ही को लिखते जाता हूँ हो गया हूँ मै भी बस एक चाक के जैसा, लिखते है वो कहानी अपनी और मिटता मै चला जाता हूँ एक दिन वो था ढूंढ लिया था मैंने खुदा अपना एक दिन ये है,मै खुद को भी नहीं ढूंढ़ पाता हूँ समझने लगे है अब तो वो खुद को खुदा जैसे, हाँ वही,सामने जिसके मै सर अपना झुकाता हूँ

मेरा आना..मेरा जाना..यूं ही नहीं है तुझे देखकर मुस्कुराना यूं ही नहीं है यूं तो गुजरता हूं कई रास्तों से लेकिन तेरी गली में ठिकाना....यूं ही नहीं है Shivkumar barman ✍️

Posted On: 27-08-2022

किसी से प्रेम करना और उस में डूब जाना कभी ग़लत नहीं हो सकता 🥀