तुम से ही शुरू तुम से ही खतम मेरी ज़िंदगी मेरी दुनियां तुमने मुझे जीना सिखाया इस दुनिया से लड़ना सिखाया जो तुम ना हो तो कुछ भी नही
मोहोबात का कुछ ऐसा मंजर है प्यार तेरा सर चढ़ा है शराब पी है नशा है पर सुरूर तेरा सर चढ़ा है ना भूले है ना भूल पाने के फितूर है तेरा जो सर चढ़ा है मयंक त्यागी
आग भी बुझ गई हमारे मेखाने की । एक कसक है दिल मैं तुम्हारे वापस ना आने की। बीत जायेगा ये सर्द दिन और गमगीन रात जसे बीत गई शाम हमारी मेखने की।। मयंक त्यागी
Tere ishq me khoker me khud se juda ho jau.. Ki paaker tumhe is zamane se me fanaa ho jau.. Teri muskan ka ghayal hu me ki teri masumiyat per me lut jau.. Ashiq hu tera me ki teri har adaa per me kurban ho jau..
कम चल ऐ मेरे दिल की कलम। रुक जरा देख तोह सही तेरे कदमों में मेरे मेहबूब का नाम आया हे।
मेरी दास्तां खतम होने वाली है काश एक बार उसका दीदार हो जाए ।। और उसका दीदार होते ही मेरी आंखों को सुकून हो जाए फिर इन आंखों को चाहे चील या कौवे नोचे चाहे फिर मेरी रूह ही नस्ट हो जाए।।
Najane aaj unse kyu phir dubara mulaqut ho gayi Najane aaj unse kyu phir dubara mulaqut ho gayi jisse pehle milkar laga tha zindagi mil gaya Aaj usse dekhkar nafrat si ho gayi...
पूछते है लोग मुझसे ये अल्फाज़ कहाँ से लाता हूँ, बहते है रोज जो आंसू मेरे, मै उन्ही को लिखते जाता हूँ हो गया हूँ मै भी बस एक चाक के जैसा, लिखते है वो कहानी अपनी और मिटता मै चला जाता हूँ एक दिन वो था ढूंढ लिया था मैंने खुदा अपना एक दिन ये है,मै खुद को भी नहीं ढूंढ़ पाता हूँ समझने लगे है अब तो वो खुद को खुदा जैसे, हाँ वही,सामने जिसके मै सर अपना झुकाता हूँ
मेरा आना..मेरा जाना..यूं ही नहीं है तुझे देखकर मुस्कुराना यूं ही नहीं है यूं तो गुजरता हूं कई रास्तों से लेकिन तेरी गली में ठिकाना....यूं ही नहीं है Shivkumar barman ✍️
किसी से प्रेम करना और उस में डूब जाना कभी ग़लत नहीं हो सकता 🥀
Un he lagta hae ke mohabbat ek dhoka hae. Un he lagta hae ke mohabbat ek dhoka hae. Kabhi do tu muqa laga denge chauka. Inhi adaun pe ham mar te hain. Marke bi ham rakh dete hain
pyaar m to dhokha milna aam baat h MAGAR yari m BH dhoka milna bdi baat h
कुछ नाशा तो आपकी बात का हैं । कुछ नाशा घीमी बरसात का हैं । हमे आप यू ही शराबी ना कहिए, ये नाशा तो पहला मुलाकात का है।
कितना मुश्किल होता है न जब विश्वश की डोर टूट जाती है तब नज़रे मिलाना..
Jo pani se nahata he bo libaz badlta हे Or jo pasine se nahata he bo etihas badlta he
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