Latest Shayari

तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा, वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही….!!!

अंदाज़ कुछ अलग ही मेरे सोचने का है, सब को मंज़िल का है शौख मुझे रास्ते का है.......!!!

शब्द पहचान बनें मेरी तो बेहतर है, चेहरे का क्या है, वो मेरे साथ ही चला जाएगा एक दिन…..!!!

नमक स्वाद अनुसार, अकड औकात अनुसार.......!!!

ऐसा नही है कि मुझमे कोई 'ऐब' नही है, पर सच कहता हूँ मुझमें कोई 'फरेब' नहीं है........!!!

हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है, वरना किसी के मन में खौंफ पैदा करने के लिए तो बस नाम ही काफी है.....!!!

ख़त्म हो भी तो कैसे, ये मंजिलो की आरजू, ये रास्ते है के रुकते नहीं, और इक हम के झुकते नही......!!!

उसने पुछा, कहाँ रहते हो, मैने कहा, अपनी औकात मे रहता हुं......!!!

जो खानदानी रईस हैं वो, रखते हैं मिजाज़ नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है…....!!!

न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे, पर कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे........!!!

अपनी शख्शियत की क्या मिसाल दूँ यारों ना जाने कितने मशहूर हो गये, मुझे बदनाम करते करते.....!!!

बेवक़्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूँ, आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देता हूँ........!!!

दुश्मनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी, मैं हाथ नहीं उठाता बस नज़रों से गिरा देता हूँ......!!!

रहते हैं आस-पास ही लेकिन पास नहीं होते, कुछ लोग मुझसे जलते हैं बस ख़ाक नहीं होते.....!!!

हम जा रहे हैं वहां जहाँ दिल की हो क़दर, बैठे रहो तुम अपनी अदायें लिये हुए........!!!