تلخی مزاج سے آپ کے ختم ہوتی ہی نہیں کبھی انداز محبّت کے بدل کر بھی تو آئیے نا جناب کبھی
मोहोबात का कुछ ऐसा मंजर है प्यार तेरा सर चढ़ा है शराब पी है नशा है पर सुरूर तेरा सर चढ़ा है ना भूले है ना भूल पाने के फितूर है तेरा जो सर चढ़ा है मयंक त्यागी
गुजारे थे जो लम्हे उनके साथ अगोशी मैं जी रहे है उन्ही के साथ खामोशी मैं। मयंक त्यागी
जहा छोड़ कर गए थे वही छूटे जा रहे है। ऐसा नही मोती चमकते नही पर जितने चमकते है उतने टूटे जा रहे है। हम शांत है पर सवाल है मन के भवसागर जो बार बार कूद से पूछे जा रहे है? गलती क्या थी हमारी जो टूटे जा रहे है।। मयंक त्यागी
आग भी बुझ गई हमारे मेखाने की । एक कसक है दिल मैं तुम्हारे वापस ना आने की। बीत जायेगा ये सर्द दिन और गमगीन रात जसे बीत गई शाम हमारी मेखने की।। मयंक त्यागी
हमें तो कबसे पता था की तू बेवफ़ा है, तुझे चाहा इसलिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये
गलत लोग तो सभी के जीवन में आते है, लेकिन सीख हमेसा सही ही देकर जाते है
जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है, सर अगर झुकाओ तो सनम खुदा हो जाता है, जब तक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो, काम निकल जाने पर हमसफ़र कोई दूसरा हो जाता है…
Tere ishq me khoker me khud se juda ho jau.. Ki paaker tumhe is zamane se me fanaa ho jau.. Teri muskan ka ghayal hu me ki teri masumiyat per me lut jau.. Ashiq hu tera me ki teri har adaa per me kurban ho jau..
कम चल ऐ मेरे दिल की कलम। रुक जरा देख तोह सही तेरे कदमों में मेरे मेहबूब का नाम आया हे।
kyon banati Ho ret ke Mahal jinhen Tum cal khud mithe hogi Aaj kahate hipyar hai cal hamara Naam bhul jaaogi
तुम जब सोई होती होना तो एक शांत समुद्र की तरह लगते हो Or गुस्से में होती हो तो लगती है समंदर की laharo में सारा Shahar डब जाएगा
हां हां तुमसे मोहाबत होगायी हे !! हां हां तुमसे मोहाबत होगायी है !! तुम्हारे नजरो में नजर मिलके बात करना आज मुस्किल होगई ही... में जनतथा ये रास्ता आसान नहीं ही फिर बि तुमसे मोहब्बत होगयी ही. हां हां तुमसे मोहाबत होगायी ह हे !! ये बकिया महज एक बाकिया नही, जो में इतनी आसानी से भूल जाऊं, ये मेरे मन में अब घर करगायी ही... तुम्हे धीरे से निहार न, तुम्हारी मुस्कुराहट को हल्की निघाओं से देखे के खुशी महसूस करना, अब आदत होगाई ही. बेसक तुम जब हस्ती हो, बहत खूबसूरत लगती हो ll हां हां तुमसे मोहाबत होगायी है !! तुम्हारे साथ लंच में जाना और और walk पे जाना सैयद मेरा एक बहाना हो, जो मुझे अच्छा लगता है.. जो में बेसब्री से इंतजार कर्ताओं ..ये पाल तुम्हारे साथ बिताने की... और याद ही , जब तुम पहली बार चाय की payment किए थे... इसी दिन मुझे लगा..."you are mah type". अब तुम्हारी ये अदायें, मुझे भा गईं हैं हां हां तुमसे मोहाबत होगायी है !! कहीं न कही में थोरासा दुखी होजता हूं, जब तुम saturday WFH ले लेटे हो, सैयद यही एक दिन रहता है जो में तुमसे खुलके बात कर पाता हूं. वैसे बाकी का दिन तुम्हारी खूबसूरती निहारते ही निकल जाता है. हां हां तुमसे मोहाबत होगायी है !! गजब!! जब तुम वो फ्लोरल वाला ड्रेस में थी, तुम बहत प्यारी लगरिथ. जाने अंजनेके में गोविंद को बता दियथा और वो तुम्हे. थोड़ा सा तो में nervous था पर जो था अच्छा था. सैयद उसी दिन से में ... धीरे धीरे से आगे बढ़ता गया एक बेहरान रास्ते में। हां पर उसी दिन ही तुम मेरे मन की भूमि में एक प्रेम की दीप जलायीथी... हां हां तुमसे मोहाबत होगायी है || वैसे तुमसे कुछ पनेकी मेरा कोई उम्मीद नी ही...बस ये एक मेरे मन की चोटी सी परिभाषा.. नोट: ऐसे अगर लिखता गया खतम न होगा...तो रहने दो आज!!
प्यार ही ना सही, दोस्ती तो हे ।। प्यार ही ना सही, दोस्ती तो हे ।। में तुम्हारे मन को समझ ने की कोसिस कियथा, तन को नही। में तुम्हे महसूस करने की सोचा था, पाने की नही। प्यार ही ना सही, दोस्ती तो हे ।। पता है, तुम्हारे साथ में सेलफी भी ना ले पाया अभितक, ये सोच के , कहीं तुम्हे ऑकवार्ड ना लगे।। और तुम्हें मेरे पे ही भरोसा नही।। अरे, प्यार ही ना सही, दोस्ती तो हे ।। उस दिन बहुत बुरा लागा था, जब तुम मेरे साथ चलनेके बोलके फिर इनकार करदियेथे , वो भी कोई तिश्रे के कारण, अरे तुम ऐसे ही मना करदेते सैयद में मान लेता... पर जो हुआ अच्छा नहीं हुआ। अरे, प्यार ही ना सही, दोस्ती तो हे ।। मन तो बहुत था, तुम्हारे साथ कुछ पल अकेले में बिताने की, मुझे गलत मत समझो, माने कुछ अपनी बात करना था, पर कभी पूछ ही नी पाया, चाहे वो चाय ब्रेक हो या फिर लंच ब्रेक हो ये सोच के , कहीं तुम्हे ऑकवार्ड ना लगे।। अरे, प्यार ही ना सही, दोस्ती तो हे।। काश पहले जैसा सब कुछ वापस लौट आए वोही पुरानी हंसना, खुल्के बाते शेयर करना, लौट आए।। वैसे आज तुम बहुत gum sum thi अरे इतना भी मत सोचो ।। प्यार ही ना सही, दोस्ती तो हे।। #Friendship forever
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