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लिखता तो मैं खुद ही हूं , पर पढता कोई और है , तू तो अपना है दोस्त , मैं तुझे कब बोला कि तू गैर है , यह तू गैर गैर कहना छोड़ दे , अगर अपना नहीं समझता है , तो दोस्ती तोड़ दे , जब मुझे तू अपना समझता ही नहीं , तो फिर मुझे समझाने क्यों लगता है , मैं तुझे गैर बोलूं यह कभी हो सकता है , अब रहने दे भाई ज्यादा प्यार मत जता , तुम मुझसे गुस्सा क्यों हो सच सच यह बता , मतलब कि एक छोटी सी बात लेकर मुंह फुला लिया , छोटी सी बात के लिए भाई को भुला दिया , तू क्या कहता है, ऐसी बात के लिए दोस्ती तोड़ दूं , तू कहे तो मैं दुनिया छोड़ दू , अब ज्यादा प्यार मत जता , मैं क्या बोला जो तुझे बुरा लगा , सच सच ये बता , मैं तो किसी को कोई बात भी नहीं बताई, मैं क्या लिखूं दोस्त तेरे लिए, मैं ही पागल भाई का छोटा भाई....✍️ ~भाई का छोटा भाई

बाते बनाने वालो को मौका मत दो, मेहनत करो खुद को धोका मत दो।

Posted On: 11-04-2021

सुप्रभात/Good Morning ❤️🌹🌺 “जो हम दूसरों को देंगे वही लौटकर हमारे पास आएगा चाहे वह इज्जत हो, सम्मान हो या फिर धोखा।”

Posted On: 09-04-2021

आईने के सामने खड़े होकर , ख़ुद से ही माफ़ी माँग ली मैंने ... सबसे ज़्यादा अपना ही दिल दुखाया है मैंने , औरों को ख़ुश करते करते .... :)

Posted On: 09-04-2021

शंकर सुवन केसरी नंदन। 💓

Posted On: 09-04-2021

शंकर सुवन केसरी नंदन। 💓

Posted On: 06-04-2021

Posted On: 05-04-2021

आग के पास कभी मोम को लाकर देखूं हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूं दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखूं

Posted On: 05-04-2021

दिलो की बात करता है जमाना, और मोहब्बत आज भी चेहरों से शुरू होता है।