Latest Shayari

Posted On: 31-01-2019

शायरी नहीं आती मुझे बस हाले दिल सुना रहा हूं , बेवफाई का इल्जाम है मुझ पर फिर भी गुनगुना रहा हूं, कत्ल करने वाले ने कातिल हमें ही बना दिया , खफा नहीं मैं उससे बस उसका दामन बचा रहा हूं//

Posted On: 31-01-2019

सिलसिला यूं ही चलने देंगे शायरी का, हम भी तो देखें....... कब तक मेरे अल्फाज तेरे दिल तक नहीं पहुंचते।।

Posted On: 31-01-2019

जख्म कहां कहां से मिले छोड़ इन बातों को , जिंदगी तू ये तो बता सफर कितना बाकी है।।

Posted On: 31-01-2019

दिल कहता है कि लिख दूं , एक नजम तेरे नाम की, तुझे खुश ना कर पाऊं तो ये जिंदगी किस काम की।।

Posted On: 31-01-2019

कीमत क्या लगाओगे आप मेरे प्यार की आपकी मुस्कान में छुपी है बर्बादी आपकी जान की।।

Posted On: 29-01-2019

मेरा मन ये कहता है कह दूं मैं जमाने से एक चुभन सी होती इश्क को छुपाने से, जब से प्यार कि मैंने एक शमा जलाई है तब से डर नहीं लगता आंधियों के आने से।।

Posted On: 29-01-2019

इस शहर से था एकदम अनजान चला आया बनने के लिए दिल का मेहमान चला आया, कितनी थी कशिश यारों उसकी मोहब्बत में मजबूर होकर के यशराज चला आया।।

Posted On: 29-01-2019

कि तुम को देखा तो सांसो ने मुझसे कहा ये वही है जिसे था तराशा बहोत, शब्द हैरान है व्यक्त कैसे करें होठ कैसे कहें मैं हूं प्यासा बहोत, मैं भी खुद को समंदर समझने लगु तुम मिल जाओ आकर नदी की तरह।।

Posted On: 29-01-2019

की मेरी आंखों का प्रस्ताव ठुकरा के तुम मुझसे यूं ना मिलो अजनबी की तरह, अपनी होठों से मुझको लगा लो अगर बजे उठूंगा मैं फिर बांसुरी की तरह।।

Posted On: 29-01-2019

Teri yaad bhut aati hai yaar ...... ............,........,.....,

Posted On: 29-01-2019

Posted On: 28-01-2019

मेरे अंदाज को समझना हर किसी की बस में नहीं मै वो आशिक हूं जो मोहब्बतो का समंदर के कर चलता हूं

धूप से रूप तेरा बचाऊंगा मै सर पे रखना मुझे ओढ़नी की तरह , मेरी आंखों का पछताव ठुकरा कर के , तू मुझसे यूं ना मिलो अजनबी की तरह।

चांद चेहरे को सब शायरों ने कहा , मैं भी कैसे कहूं चांद में दाग है , दूध में थोड़ा सिंदूर मिल जाए तब , तेरा चेहरा उसी तरह बेदाग है।

मैं रूठा , तुम भी रूठ गए फिर मनाएगा कौन ? आज दरार है , कल खाई होगी फिर भरेगा कौन ? मैं चुप , तुम भी चुप इस चुप्पी को फिर तोडेगा कौन ? बात छोटी को लगा लोगे दिल से , तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ? दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर , सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ? न मैं राजी , न तुम राजी , फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ? डूब जाएगा यादों में दिल कभी , तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ? एक अहम् मेरे , एक तेरे भीतर भी , इस अहम् को फिर हराएगा कौन ? ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ? फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ? मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें.... तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन ? *_Respect Each Other_* *_Ignore Mistakes_* *_Avoid Ego_*