मत फेक पत्थर पे पानी इसे भी कोई पिता होगा, जीना है तो मुस्कुरा के जियो तुमको भी देखकर कोई जीता होगा ।
मेरी मन्नत भी तू है और खुदा भी तू मैं तुझसे तुझी को मांगता हूँ
Mein Apni Zindagi Ka Har Wo Lamha Tere Naam Kar Du Tu Kahe To Apni JAAN V Tere Naam Kardu Du Are Pyar To Bahut Ne Kiya Tha Pyar To Bahut Ne Kiya Tha Mere Jaise Kisi Ne Kiya Ho To Bol Apni JAAN Kurban Kardu #SAGAR_R #BOXER🥊✍️
Daulat bhi zaroori hai Par pariwaar se badh kar Kuch bhi cheez nahi hai
खुश तो था मगर इस साल नही , चुप रहो अब कोई सवाल नही , तुम होते तो दुनिया जीतता मैं , तुम मेरे उरूज थे जवाल नही , खुश तो था मगर इस साल नही , गिरा हूँ मैं तो उठ भी जाऊँगा , अजनबी मुझको तू संभाल नही , तुम्हे आसांन लगता है बिखरना , मेरे जैसा तुम्हारा हाल नही , खुश तो था मगर इस साल नही , तुम्हारी खुशियां जरूरी हैं यार , मैं जख्म लेकर ही ठीक हूं , मुझे गम का कोई मलाल नही , खुश तो था मगर इस साल नही , मैं बंदा गलत हूं सोचता भी गलत हू , पर कभी खुद से करता सवाल नही, खुश तो था मगर इस साल नही , अपनों के चक्कर में अपने को ही खो दिए , जैसे कोरोना महामारी में हर कोई रो दिए, अब कैसे कहूं कि जिंदगी में बवाल नहीं , खुश तो था मगर इस साल नही , जख्म देते हो कहते हो सीते रहो , जान लेकर कहोगे कि जीते रहो , मैं भाई का छोटा भाई अपना जज्बात लिख रहा हूं , पर उस पर कोई सवाल नहीं , खुश तो था मगर इस साल नही , खैर छोड़ो....! ~भाई का छोटा भाई
अये बेवफा मैं तेरी बेवफाई में दिल बेकरार ना करूं, अगर तू कह दे तो मैं तेरा इंतजार ना करू, अगर तू है बेवफ़ा, तो कुछ इस कदर बेवफाई कर, कि तेरे बाद मैं किसी और से प्यार ना करू ।।
tumhe bhul jau aise bni koi trikh nhi jo aap kr rahe ho 😊jnab wo thik nhi
aj tumhara kl kisi aur ka mere mohbat itni kachi nhi h -2 jnab itni nrazgi achi nhi h
mohabat k safar pe kuch is trah se bhage hum..na rat bhar soye na rat bhar jage hum..💓⌚
जब भी किसी निगाह ने मौसम सजाए है। तेरे लबों के फूल बहुत याद आए हैं। रिश्ते के वफाओं का इंतजार ,हम भी हवाओ में चिराग ले के आए है।
Ye gumein wafaye mohobbat v kya dard deti hai seene m dard kitna v ho chupane ke liye thikana mil hi jata hai
छुपानी पड़ती है दिल की सच्चाई कभी कभी , बहुत बुरी लगती है ये अच्छाई कभी कभी , लोग पूछते हैं तू अपने बारे में कुछ बताता क्यों नहीं , सच सच अपनी जिंदगी को जताता क्यों नहीं , हर पल जख्म गम लिखता रहता है , तू दो पल हंस कर बिताता क्यों नहीं , सब के बारे में लिखता रहता है , तू अपने बारे में कब लिखेगा , जब दुनिया तुझे गलत समझ जाएगी , क्या तब तू सीखेगा , मैं गलत हूं कि सही मैं खुद ही खुद को परखूंगा , यह दुनिया है दोस्त भगवान को भी बुरा कहती है , अगर यह दुनिया एक दर्द सहती है , तो 1000 लफ्ज़ भगवान को गलत कहती है , खैर छोड़ो ये तो इंसान हैं , अब इंसानों में इंसानियत कहां रहती है , मुझे गलत समझने वाले समझ जाओ , तुम्हारी समझदारी ही इतनी है , मैं अपनी अच्छाई के बारे में क्या लिखूं , जितना तुम समझ गए मुझे , औकात ही तुम्हारी उतनी है, खैर छोड़ो साहब , बहुत सारी बातें बता दिया , भाई का छोटा भाई अपने बारे में जता दिया , हर वक्त लिखता था अपनी जिंदगी का गम , आज इस कविता में खुद को ही अजमा दिया....✍️
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