Latest Shayari

Posted On: 11-09-2016

गमों को आबरू अपनी खुशी को गम समझते हैं जिन्हें कोई नहीं समझा उन्हें वस हम समझते हैं कशिश जिन्दा है अपनी चाहतों में जानेजा क्योंकि हमें तुम कम समझती हो तुम्हें हम कम समझते हैं।

Posted On: 11-09-2016

खुद को आसान कर रही हो ना, हम पे एहसान कर रही हो ना, नींद, सपने, सुकून उम्मीदें, कितना नुकसान कर रही हो ना, हमने समझा है प्यार, पर तुम तो जान पहचान कर रही हो ना..

Posted On: 11-09-2016

"ठीक भी है कि तुम ख़ुदा हो मेरे और बस एक का ख़ुदा कब है मेरे होने ना होने का मतलब तुम्हारे वास्ते जुदा कब है.

Posted On: 11-09-2016

"घर से निकला हूँ तो निकला है घर भी साथ मेरे देखना ये है कि मंज़िल पे कौन पहुँचेगा मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा

Posted On: 11-09-2016

"ये तेरी बेरूखी की हम से आदत खास टूटेगी.....! कोई दरिया ना ये समझे की मेरी प्यास टूटेगी.....! तेरे वादे का तू जाने मेरा वो ही इरादा है....! कि जिस दिन सास टूटेगी उसी दिन आस टूटेगी....!!"

Posted On: 11-09-2016

कहो कुछ भी नहीं हमसे,मुझे खुद से जुदा कर दो..!झुका लो बेवफा नजरें,यहीं से अलविदा कर दो..!!ख़ता बस इतनी है मेरी,तुम्हें हम प्यार करते हैं,चले जाओ यहाँ से तुम,मेरी वापस वफा कर दो..!!भले ही तोड़ दो रिश्ता,मगर कह शुक्रिया तो दो,हमें दिल में बसाने का,जरा ये हक़ अदा कर दो..!!थे गुजरे साथ जो लम्हें,खडे़ हैं आज भी द़र पे,उन्हें तुम मुस्करा करके,अगर चाहो विदा कर दो..!!ख़फा होना भी है दस्तूर,यारों इस मोहब्बत का,बसा "वीरान" घर मेरा,कोई फिर से ख़ता कर दो..

किसी के दिल को चोट पहुचाकर, माफ़ी मांगना बहुत ही आसान है, लेकिन खुद चोट खाकर, दूसरों को माफ़ करना बहुत मुशकिल है!

Posted On: 08-09-2016

वो कहने लगी नकाब में भी पहचान लेते हो… हजारों के बीच… मेंने मुस्करा के कहा तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था “इश्क” हज़ारों के बीच…

Posted On: 08-09-2016

काश वो भी आकर हम से कह दे मैं भी तन्हाँ हूँ, तेरे बिन, तेरी तरह, तेरी कसम, तेरे लिए

Posted On: 08-09-2016

हम‬ भी ‪‎किसी‬ की ‪दिल‬ की ‪हवालात‬ में ‪‎कैद‬ थे..!! फिर‬ उसने ‪‎गैरों‬ के ‪‎जमानत‬ पर हमें ‪ रिहा‬ कर दिया.

Posted On: 08-09-2016

चाहने वालो को नही मिलते चाहने वाले.! हमने हर दगाबाज़ के साथ सनम देखा है..

Posted On: 08-09-2016

शौक से तोडो दिल मेरा, मुझे क्या परवाह, तुम्ही रहते हो इसमें, अपना ही घर उजाड़ोगे.

Posted On: 08-09-2016

छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी, आरजू करना, जिसे मोहब्बत, की कद्र ना हो उसे दुआओ, मे क्या मांगना

Posted On: 08-09-2016

मोहब्बत का नतीजा, दुनिया में हमने बुरा देखा, जिन्हे दावा था वफ़ा का, उन्हें भी हमने बेवफा देखा.

Posted On: 08-09-2016

काश एक ख़्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर, तुम आ कर गले लगा लो मुझे, मेरी इज़ाज़त के बगैर….