सुना था.. मोहब्बत मिलती है, मोहब्बत के बदले | हमारी बारी आई तो, रिवाज हि बदल गया ||
आदमी जो सुनता है, आदमी जो कहता है.. ज़िंदगी भर वो सदाएँ पीछा करती हैं! आदमी जो देता है, आदमी जो करता है.. रास्ते मे वो दुआएँ पीछा करती हैं!
बड़े शौक से बनाया तुमने मेरे दिल मे अपना घर जब रहने की बारी आई तो तुमने ठिकाना बदल दिया।
चेहरे के रंग को देखकर दोस्त ना बनाना.. दोस्तों .. तन का काला तो चलेगा लेकिन मन का काला नहीं।
आज भी प्यारी है मुझे तेरी हर निशानी .. फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखो का पानी।
वो हमें भूल भी जायें तो कोई गम नहीं, जाना उनका जान जाने से भी कम नहीं, जाने कैसे ज़ख़्म दिए हैं उसने इस दिल को, कि हर कोई कहता है कि इस दर्द की कोई मरहम नहीं।
रोते रहे तुम भी, रोते रहे हम भी, कहते रहे तुम भी और कहते रहे हम भी, ना जाने इस ज़माने को हमारे इश्क़ से क्या नाराज़गी थी, बस समझाते रहे तुम भी और समझाते रहे हम भी।
हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया, औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया, पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफ़ाई को, औरों ने तो क्या उन्होने भी वाह-वाह किया.
आंसूओ तले मेरे सारे अरमान बह गये, जिनसे उमीद लगाए थे वही बेवफा हो गये, थी हूमे जिन चिरागो से उजाले की चाह, वो चिराग ना जाने किन अंधेरो में खो गये.
कदम कदम पर बहारो ने साथ छोडा, जरुरत पडने पर यारो ने साथ छोडा, बादा किया सितारोँ ने साथ निभाने का, सुबह होने सितारो ने साथ छोडा.
डूबते हैं तो पानी को दोष देते हैं, गिरते हैं तो पत्थर को दोष देते हैं, इंशान भी क्या अजीब हैं दोस्तों.. कुछ कर नहीं पाता तो किस्मत को दोष देते है
याद करते है तुम्हे तनहाई में, दिल डूबा है गमो की गहराई में, हमें मत धुन्ड़ना दुनिया की भीड़ में, हम मिलेंगे में तुम्हे तुम्हारी परछाई में.
ज़िन्दगी लहर थी आप साहिल हुए, न जाने कैसे हम आपकी दोस्ती के काबिल हुए, न भूलेंगे हम उस हसीं पल को, जब आप हमारी छोटी सी ज़िन्दगी में शामिल हुए.
न दिल में बसाकर भुलाया करते हैं, ना हँसकर रुलाया करते हैं, कभी महसूस कर के देख लेना, हम जैसे तोह दिल से रिश्ते निभाया करते है.
यादों मैं हमारी वो भी खोये होंगे, खुली आँखों से कभी वो भी सोए होंगे, माना हँसना है अदा ग़म छुपाने की, पर हँसते-हस्ते कभी वो भी रोए होंगे.
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