पलकें झुके ओर नमन हो जाए, मस्तक झुके ओर वंदन हो जाए, ऎसी नजर कहा से लाऊ की तुझे याद करूँ ओर तेरा दर्शन हो जाए!!
दिलो जान से करेंगे हिफ़ाज़त उसकी बस एक बार वो कह दे कि मैं अमानत हूं तेरी ।
तेरी बातें तेरे जाने के बाद करेंगे। सच में हम तुझे बहुत याद करेंगे। तू मिलना चाहे या न चाहे ये तो तेरी मर्जी लेकिन हम खुदा से रोजाना तेरे मिलने की फरियाद करेंगे।
Main aa gaya huin mahfil mein Jao use ye paigam de do Unse kahna ki jao mahfil mein Aur apni kahani ko anjam de do Yuin jane ke liye mayush na karo hamko Hum khud hi chale jayenge teri mahafil se Bus ek bar apni ankhoin se ham ko mohabbat ka jam de do
जति बोलु जति सुनु सुनिरहु मात्रै लाग्ने...कति मिठो तिम्रो बोली दुख पिडा सबै भाग्ने...............अनायासै यो मनमा यौटा प्रश्न छायो आज... भनिदेउन किन येस्तो बोलिरहु मात्रै लाग्ने.............जब साथ हुन्छौ तिमी संसार यो जिते जस्तो...जब टाढा जान्छौ तिमी सबै शुन्य शुन्य लाग्ने...............नत कुनै शब्द अनि नत गजल काफी नै छ... तिम्रै यादमा हराउदै यो मन तिमि तिरै भाग्दै छ... # श्राद्ध लामिछाने 💞❤️❣️
लाखो की हंसी तुम्हारे नाम कर देंगे, हर खुशी तुम पे कुर्बान कर देंगे, आये अगर हमारे प्यार मे कोई कमी तो कह देना, इस जिन्दगी को आखरी सलाम कह देंगे।
जिस जिस ने मुहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया, खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया!
लोग कहते हैं प्यार अंधा होता है "गलत" प्यार तो अंधेरे में होता है!
एक ही वसूल "Pyar"करो तो सच्चा .... वरना "Alone" हीं अच्छा.....
प्यार और मौत से डरता है कौन, हम तो प्यार में दे देंगे जान भी कुर्बान, पहले पता तो चले, हम से प्यार करता है कौन?
प्यार का पहला, इश्क का दूसरा, और मोहब्बत का तीसरा अक्षर अधूरा होता है... इसलिए तो हम आपको चाहते हैं, क्योंकि चाहत का हर अक्षर पूरा होता है!!
प्यार तो सिर्फ प्यार है, क्या पूरा क्या आधा.. दोनों की ही चाहत बेमिसाल है, क्या मीरा क्या राधा!!
मन बावरा रहता है इंतजार में, जाने क्या नशा है आपके प्यार में.. तेरी कातिल नजरों से जो टकराया होगा, मुझे नहीं लगता वो अब तक घर पहुंच पाया होगा!!
जिस्म और प्यार दोनों ही एक नारी की रूह में समाए हैं, जिस्म तो कोई भी जबरदस्ती पा लेता है, मगर प्यार कोई किस्मत वाला ही पता है!!
Wo Khoobsurat to bahut hai Lekin use khud pe gurur nahi hai Kyonki wo janti hai Ki wo ladki hai koi hoor nahi hai Isiliye to mujhe uspar gurur hai Besak wo hoor nahi lekin mere liye to wo hi sabse khas kohinoor hai
Vinod is offline
Shivam is offline
lalit is offline
sudhir is offline
akshay is offline
SusanMog is offline
Shanordisy is offline
Angel is offline
Namita is offline
Priyanka is offline
harsh kr is offline
Rohit is offline
Waseem is offline
Sandeep is offline
Khadimali is offline
Please Login or Sign Up to write your book.