ऐ चांद चला जा क्यो आया है मेरी चौखट पर, छोड गये वो शख्स जिसकी याद मे हम तुझे देखा करते थे…..!!!
उन से कह दो अपनी ख़ास हिफाज़त किया करे, बेशक साँसे उनकी है… पर जान तो मेरी है.…!!!
मैंने इंसान की वफ़ा पर यकीन करना छोड़ दिया है, जब किस्मत बदल सकती है तो ये मिट्टी के इंसान क्यों नहीं…..!!!
है.. कोई वक़ील, जहान में… दोस्तों, जो हारा हुआ इश्क़ जिता दे मुझको....!!!
ऐ ज़िन्दगी तू अपनी रफ़्तार पे ना इतरा, जो रोक ली मैंने अपनी साँसें तो तू भी चल ना पायेगी…!!!
कौन खरीदेगा अब हीरों के दाम में तुम्हारें आंशू, वो जो दर्द का सौदागर था, मोहब्बत छोड़ दी उसने......!!!
मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है, पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है.......!!!
खुशियाँ तो कब की रूठ गयी हैं काश की, इस ज़िन्दगी को भी किसी की नज़र लग जाये....!!!
हमने दिल जो वापीस मांगा तो सिर जुका के बोले, वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…….!!!
मैंने आंसू को समझाया, भरी महफ़िल में ना आया करो, आंसू बोला, तुमको भरी महफ़िल में तन्हा पाते है, इसीलिए तो चुपके से चले आते है….!!!
जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे, मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ.....!!!
तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह थी, कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….!!!
जब हुई थी मोहब्बत तो लगा किसी अच्छे काम का है सिला, खबर न थी के गुनाहों कि सजा ऐसे भी मिलती है....!!!
खुदा से भी पहले तेरा नाम लिया है मैंने, क्या पता तुझे कितना याद किया है मैंने, काश सुन सके तू धड़कन मेरी, हर सांस को तेरे नाम से जिया है मैंने........!!!
यूँ नज़रें वो नीचे किए चले जा रहें हैं, पास आशिक़ खड़े यूँ परेशाँ हुए जा रहें हैं, कोई कहता है ज़ालिम अपनी नज़र तो उठा, हम तेरे रूख का दीदार करने को मरे जा रहें हैं.......!!!
yubraj is offline
Ashish is offline
Raj is offline
NIKET is offline
Nitin is offline
Shivam is offline
SIDRA is offline
Shidaant is offline
Dinesh is offline
shireen is offline
rewarahul is offline
Lakshi is offline
Alia is offline
Shubham is offline
Amol is offline
Please Login or Sign Up to write your book.