तेरे चेहरे पर अश्कों की लकीर बन गयी, जो न सोचा था तू वो तक़दीर बन गयी......!!!
यूँ तो बहुत से हैं रास्तें, मुझ तक पहुंचने के, राह-ऐ-मोहब्बत से आना, फासला कम पड़ेगा…...!!!
हम तो आँखों में संवरते हैं, वही संवरेंगे, हम नहीं जानते आईने कहाँ रखें हैं….....!!!
वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई, उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई, आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा, मज़ाक हमसे हवा कर गई....!!!
हमारे आंसूं पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं, उनकी इस अदा से वो दिल को चुराते हैं, हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को, इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं.......!!!
एक बार उसने कहा था, मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना, बस फिर क्या था, तबसे मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा.....!!!
लोग देखेंगे तो अफ़साना बना डालेंगे, यूँ मेरे दिल में चले आओ की आहट भी न हो......!!!
तेरी आवाज़ से प्यार है हमें, इतना इज़हार हम कर नहीं सकते, हमारे लिए तू उस खुदा की तरह है, जिसका दीदार हम कर नहीं सकते….....!!!
क्यू बार बार ताकते हो शीशे को, नज़र लगाओगे क्या मेरी इकलौती मुहब्बत को…..!!!
जब से देखा है तेरी आँखो मे झाँक कर, कोई भी आईना अच्छा नही लगता, तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए है दीवाने, तुम्हे कोई और देखे तो अच्छा नही लगता........!!!
कुछ खास नहीं इन हाथों की लकीरों में, मगर तुम हो तो एक लकीर ही काफी है…...!!!
दिलो जान से करेंगे हिफ़ाज़त तेरी, बस एक बार तू कह दे कि, मैं अमानत हूं तेरी.....!!!
कह दो अपने दांतों को, क़ि हद में रहें, तेरे लबों पे बस मेरे लबों का हक़ है…...!!!
कोई अजनबी ख़ास हो रहा है, लगता है फिर प्यार हो रहा है.........!!!
मै उसको चाँद कह दू ये मुमकिन तो है, मगर... लोग उसे रात भर देखें ये मुझे गवारा नहीं…..!!!
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