एक चेहरा मुस्कुराता रोज सामने आता है, बिखरी बिखरी जिंदगी, कुछ-कुछ सवऀँर जाता है!
बहुत अजीब है ये बंदिशें मोहब्बत की, ना उसने कैद में रखा ना हम आजाद हुऐ!
सुर्खियों में रहना आसान है, किसी के दिल में रहने से!
इजाजत नहीं देती है मुझे मेरी वफाएं, कि फिर से चांद ढूंढता हुआ आसमाॅ निहारूॅ!!
तु वो चाँद है जिसे मैं पाना नहीं चाहता, पर तुझे देखने का एक भी मौका गवाना नहीं चाहता, तुझे दूर से चाहना मंजूर है मुझे, मेरी इसी इबादत पर गुरूर है मुझे।;
मेरी भी एक चाँद थी, मुझे भी गुमान था... हाँ... इतना जरूर मैं भूल गया .. कि उसका सारा आसमान था...!!
मुटुमा तिमीलाई राखेको थिए तर भाग्य मा रहेनछ Suresh Karki
दिल में आग थी तो पांव कीचड़ में डाल दिया, कमबख्त ना आग बुझी ना दामन बचा....!
Naseeb Milte milte mil gaye wo... Na jane meri zindgi bn gaye Wo ye uska nhi mera naseeb tha..
मुहब्बत कभी खत्म नहीं होती सिर्फ बढ़ती है... या तो सुकून बनकर या दर्द बनकर...!!
दिल ने कहा भी था मत चाह उसे यू पागलो की तरह, कि वो मगरूर हो जायेगा तेरी बेपनाह मुहब्बत देखकर।
कतरा कतरा मे नाम तेरा लिख दिया लहर लहर मे तेरी सूरत दर्शा दी जो उखाड़ना है उखाड़ले बारिश की बौछारे मिट्टी के मकान मे रहकर मैंने अपनी मुहब्बत बरसा दी।
मुहब्बत होंठों से नहीं, उनसे निकली मीठी बातों से है.. क्यों कि मासूमियत चेहरे से कहीं ज्यादा, उसकी भोली आँखों में है।
पनाहों में जो आया हो, तो उस पर वार क्या करना , जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना ! मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है, हो ग़र मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना !!
इश्क़ की गहराइयों में खूबसूरत क्या है मैं हूं, तुम हो और किसी की जरूरत क्या है
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