कल मैं नीद मे था तब, एक झलक ज़िन्दगी को देखा , वो मेरी राह में गुनगुना रही थी , मैंने उसको ढूंढा उसे इधर उधर , वो सहला कर मुझे सुला रही थी , मुझे ज़िन्दगी क्यो देती है इतना दर्द, मैं उसे और वो मुझे बता रही थी , मैंने पूछा तुने मुझे ये दर्द क्यों दिया उसने कहा मैं ज़िन्दगी हु तुझे जीना सिखा रही थी , मैंने कहा जीना कहा मै तो घुट घुट कर मर रहा हूं , ये ज़िन्दगी मुझे माफ कर दे, अब मैं जीने से डर रहा हूँ, मैं अपने ही जज्बातों को लिख लिख कर पढ़ रहा हूं , थक गया जी जी के ए जिंदगी मुझे माफ कर दे , अब मैं जीने से डर रहा हूं , जख्म भरा शरीर लेकर मैं ऐसे ही धीरे-धीरे मर रहा हूं , ए जिंदगी मुझे मौत दे दे , अब मैं जीने से डर रहा हूं , वक्त सही नहीं है इसलिए मैं भाई का छोटा भाई लिखने से भी हर रहा हूं , ए जिंदगी मुझे मौत दे दे, अब मैं जीने से डर रहा हूँ , ए जिंदगी मुझे मौत दे दे, अब हम जीने से डर रहा हूं...✍️ ~भाई का छोटा भाई
जो इज्जत करे औरत जात कि मैं उसे (जताना) दूजता हूं , हां यह सच है कि मैं रावण को पूजता हूं....✍️ *~~भाई का छोटा भाई~*
मेरे दोस्त पढ़ लिखकर भी बेरोजगार हो गए..... मैं लिखना तो नहीं चाहता था , लेकिन लिखने में मजबूर हो गया , जैसे मेरा दोस्त बाहर पढ़ने गया और हमसे दूर हो गया , इतना पढ़ लिख कर भी , मेरा दोस्त बेरोजगार हो गया , क्या बीतती होगी मेरे दोस्त पर , अब वह लाचार हो गया , क्या बताऊं साहब कि मेरा दोस्त पढ़ लिखकर भी बेरोजगार हो गया , क्या सपना बुने होंगे उसके घर वालों ने , अब वह सब बेकार हो गए , कैसे बताऊं साहब कि पढ़ लिखकर मेरे दोस्त बेरोजगार हो गए , कंपटीशन इतना बढ़ गया इस जमाने में , कि बड़ा मुश्किल हो गया कमाने में , शिक्षा पैदा कर रही शिक्षित बेरोजगार, चपरासी पद के लिए भी हो रही मारामार , अगर एक जगह चपरासी की आती हैं तो हजारों इंजीनियर और other educated लाइन लगाते हैं , वाह रे वक्त कैसे कैसे दिन दिखाते हैं , उसने भी सिलेक्शन नहीं हुआ दोस्त का और दोस्त लाचार हो गया, कैसे बताऊं साहब की पढ़ लिखकर मेरा दोस्त बेरोजगार हो गया , दुनिया वाले ऐसे देखते हैं , जैसे पढ़ लिखकर उससे गुनाह हो गया , कैसे बताऊं साहब कि पढ़ लिखकर मेरा दोस्त को लेकर बेरोजगार हो गया , आजकल के तो नए युवाओं का पढ़ने लिखने से भी जी कतरता है , क्योंकि उनको पता है कि पढ़ लिखकर बंदा बेरोजगार हो जाता है , बेरोजगारी से युवाओं का हौसला टूट रहा है , इस लिए रोज सुबह, युवाओं का गुस्सा फूट रहा है , पर क्या करें अब तो वो लाचार हो गए , कैसे बताऊं साहब की पढ़ लिखकर मेरे दोस्त बेरोजगार हो गए, मां बाप के बेटे की पढ़ाई में घुटने जवाब दे गए, अब मॉ बाप भी क्या करते साहब, बेटे तो पढ़ लिखकर बेरोजगार हो गए , जब कुछ नहीं हुआ तो फिर से एक बार, SSC का उम्मीदवार हो गया , कैसे बताऊं साहब कि पढ़ लिखकर मेरा दोस्त बेरोजगार हो गया , भाई का छोटा भाई कलम डायरी पर रखा तो स्याही रोकर पार हो गया , कैसे बताऊं साहब की पढ़ लिखकर मेरा दोस्त बेरोजगार हो गया , की पढ़ लिखकर मेरा दोस्त बेरोजगार हो गया....✍️
सर मैं नया बिल गेट्स बनना चाहता हूं , यह भाई का छोटा भाई नाम नहीं , मै कुछ बडा करना चाहता हूं , सर मैं नया बिल गेट्स बनना चाहता हूं मैं पढ़ने में इतना कमजोर हूं , की Sun को सुन पढ़ता हूं , पेपरों में सभी को खटकता हूं , सर मैं नया बिल गेट्स बनना चाहता हूं , इतिहास में ऐसा लिखा कि , मुमताज ने ताज बनवाया , मजदूरों ने ताज का राज बताया , तभी गब्बर ने उनके हाथ कटवाया , कुछ भी हो , सर मैं नया बिल गेट्स बनना चाहता हूं , नहीं आती मुझे भूगोल, परीक्षा में नंबर आते हैं जीरो बटा गोल , अभी भी मै इतना कमजोर हूं , लड़की को लकड़ी पढ़ता हूं , सर थोड़ा झूठा थोड़ा सही अल्फाज मैं भी गढता हूं , अंग्रेजी में थोड़ा गरीब हू , पर गणित से ज्यादा करीब हू , कुछ भी हो, सर मैं नया बिल गेट्स बनना चाहता हूं....✍️ *~~भाई का छोटा भाई~*
बचपन लिखा तो बचपना याद आ गया , जख्म लिखा तो खून आ गया , कैसे बताऊं दोस्त कि तुम्हारी याद नहीं आती , "द" लिखा तो दोस्ती का सैलाब आ गया.....✍️ *~~भाई का छोटा भाई~*
मुझे भी हुई है मोहब्बत , मै कभी इंकार नहीं किया , मैं किसी के दिल से नहीं , मोहब्बत हिंदुस्तान से किया..... ✍️ ~भाई का छोटा भाई
मॉ बाप बच्चों को पैरों पर खड़ा करते रह गए, इसी मे माँ बाप के घुटने जवाब दे गए....✍️ *~~भाई का छोटा भाई~*
जब तक घर में था तो ठीक था मै , जब से शहर आया तब से मै "मैं" न रहा.....📝 *~~भाई का छोटा भाई~*
मेरी बातें दुनिया को बहुत चुभती है ना एक दिन खामोश हो जाऊंगा , फिर पढ़ते रहना खामोशिया और करते रहना मेरी तारीफ , मैं चुपके से मर जाऊंगा.....✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
मेरी छुट्टी की तारीख खुद क्या खुदा को भी नहीं पता , गांव तो जाऊंगा पर तारीख का मोहताज नहीं , मॉ मैं भी घर आऊंगा कल पर आज नहीं.....✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
मां तो आखिर मां होती है , बातें करते करते पता नहीं कहां खो जाती है , तुमको क्या लगता है दोस्त.... कि मां को तुम्हारा कमरा सजाना और तुम्हारे लिए खाना बनाना ही अच्छा लगता है , अरे मां भी कभी लड़की थी दोस्त और दुनिया कि हर लड़की की तरह मॉ को भी तारीफ सुनना अच्छा लगता है.....✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
दिनांक 18/02/2021 गुरूवार ~भाई का छोटा भाई मैं जीवन के उस दौर में हू जहाँ कभी-कभी मुझे स्वयं को पहचानना मुश्किल हो जाता है।मैं ठीक हूँ या कैसा हूँ?मुझसे पूछने वाला कोई नहीं हैं। इन अंधेरों से कब तक निकलूँगा यह मुझे मालूम नहीं, पर उम्मीद करता हूँ कि मरने के पहले सब कुछ ठीक हो जाएगा। अब किसी से मोह नहीं रह गया, खुद से भी नहीं.... 📝
याद तो मेरी सबको आती है , पर सिर्फ जरूरत पड़ने पर....✍️ ~जख्मी बंदा
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