बात जो मन में है वो शब्दों में ढाल देता हूं , कभी कभी मैं अपनी रूह को पन्नों में उतार देता हूं....✍️ ~भाई का छोटा भाई
साहब वो बात की कोई वजह नहीं है , थक गया हूं मैं फालतू की बातें सुनते सुनते , अब यह बात सुनने की मेरे में जगह नहीं है....✍ ~भाई का छोटा भाई
ज़िन्दगी की हकीकत को बस इतना ही जाना है , दर्द में अकेले और खुशियों में सारा जमाना है....✍️ ~भाई का छोटा भाई
इस फरेब की दुनिया में, मुझे दुनियादारी नही आती, झूठ को सच साबित करने की, मुझे कलाकारी नही आती, जिसमें सिर्फ मेरा हित हो, मुझे वो समझदारी नही आती, शायद मैं इसीलिए पीछे हूं, कि मुझे होशियारी नही आती, बेशक लोग ना समझे मेरी वफादारी, मगर मुझे गद्दारी नही आती , इसीलिए मैं भाई का छोटा भाई लिखता तो हू, पर मेरी लिखी बात में समझदारी नजर नहीं आती.....✍️
छुट्टी भेज दो यार....✍ ~भाई का छोटा भाई
चिखुं चिल्लाऊं मज़ाक बन जाऊं , इससे बेहतर है अंदर ही अंदर रोऊं और मर जाऊं...✍ ~भाई का छोटा भाई
ज़िंदगी के तजुर्बे ने एक बात सिखलाई है , नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है....✍ ~bhai Ka Chhota bhai
कबूल है की मुझे जी भर के बुरा कहा जाए , मगर जो भी कहा जाये दिल से कहा जाये....✍ ~भाई का छोटा भाई
हम रोज उदास होते है और शाम गुजर जाती है , किसी रोज शाम उदास होगी और हम गुजर जायेंगे....✍ ~भाई का छोटा भाई
रात क्या होती है हमसे पूछिए , आप ऑख बंद किए तो रात कम पड़ गई...✍ ~भाई का छोटा भाई
किसको दर्द बताऊ किसको दास्ता सुनाऊ यहां सब बहरे हैं , जख्म तो नहीं हैं पर कैसे बताऊं कि दर्द गहरे हैं....✍ -bhai Ka Chhota bhai
मेरे दोस्त की ख्वाहिश है कि कुछ मेरे बारे मे भी गाया जाए , मेरी भी मोहब्बत को कविताओं में आजमा जाए , यह बात पुरानी नहीं है जो मैं जता रहा हूं , इसे कहानी मत समझना मैं सच बता रहा हूं , यह बात तब की है जब हम घूम रहे थे , हम दोनों मस्ती में झूम रहे थे , वह लड़की ऐसी दिखी कि मेरे दोस्त का दिल आ गया , मुझे लगा महीना पूरा नहीं हुआ और बिल आ गया , दोस्त बोला भाई इस लड़की पर मेरा दिल आ रहा है , मैं बोला भूल गया तू अभी तू मन्दिर जा रहा है , दोस्त से रहा नहीं गया और उस लड़की से बोल दिया , अपने दिल का राज वही खोल दिया , बोला कि दिल तुम पर आ रहा तुम कहो तो ब्रेक मार दे , मैं बोला भाई गाड़ी बहक रही हैं पहले तू मुझे उतार दे , उसने मेरी बात को अनसुना कर दिया , और फिर हस कर चल दिया , दोस्त की मोहब्बत अब है कुछ इस कदर , लड़ाई होती रहती है पर नहीं पड़ता असर , अब तो लोग मेरे दोस्त की मोहब्बत की मिसाल देते हैं , अरे सच कहूं तो साल में एक दो बार कसम हम भी खा लेते हैं , इनकी मोहब्बत तो इतिहास में लिखी जाएगी , शायद ऐसी मोहब्बत अब कोई लड़की नहीं कर पाएगी , इतने मे आवाज आई गलत है मोहब्बत करना एक बंदे ने कहा , मैंने बोला इश्क का दर्द फिर तुमने क्यों सहा , गलतियाँ न गिन ओ यारा इश्क में कि किसने क्या गुनाह किया , इश्क तो एक नशा है जो मैने नहीं सिर्फ मेरे दोस्त ने किया , इनकी मोहब्बत को बहुत-बहुत बधाई , यह लिखने वाला कोई और नहीं मैं भाई का छोटा भाई.....✍ by bhai Ka Chhota bhai
नौ दिन नहीं अब नौ माह वीराज़ों माँ किसी की कोख में , बहुत पाप बढ़ गया है इस पवित्र धरती लोक मे....✍ -bhai Ka Chhota bhai
अब तो इतना बड़ा हो गया हूं कि खुद ही करना पड़ता है खुद की केयर , यहा नाम के लिए बना रखे है बड्डी पे़यर...✍ -bhai Ka Chhota bhai
दिल कह रहा है खुदकुशी कर लो , हम इंतेज़ार मे है कोई हादसा हो जाए....✍ -bhai Ka Chhota bhai
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