बाते बनाने वालो को मौका मत दो, मेहनत करो खुद को धोका मत दो।
जिंदगी में गम , गम में हम , हम मे रम , रम मे नशा , और मैं नशे में हू, नशा मुझ में नशा किसी और का , नशा मुझ में नशा किसी और का , यह नशा अपना ही है ना की किसी गैर का , कोई तो अपना समझ कर प्यार से बोल लो , ए दोस्त एक दो बोतल और खोल लो, मैं ऩशे में हू , थक गया जी जी कर , अब और जीने का मन नहीं कर रहा , ले चलो यार कोई बडे मयखाने मे, आज मेरा और पीने का मन कर रहा, मैं नशे में हू , कोई भांग घोटो , कोई चिलम के लिए पत्ता लाओ , मेरे और दोस्तों को बुलाओ , मै नशे में हू, सचिन महफिल जमाओ समा में , आज मै नशे में हू , हुक्का फूक दूंगा हवा , मै नशे में हू, कोई ताश के पत्ता लाओ कोई सट्टा खेलने वालो को बुलाओ , सट्टा खेलने में शाहजहां भी होगा , चाहे सट्टा कहीं भी होगा, अगर मैं सट्टा हारा तो मयखाना छोड़ देंगे , सट्टा जीता तो ताजमहल खरीद लेंगे , मैं नशे में हू, और बता देना मोहतरमा को अपने शाहजहाँ, अब वो ताजमहल शाहजहां का कहा, मैं नशे में हू, गिनती के मैं पैक नहीं मारता, पैक मार के गिनती भूल जाता हूं , और दो घूट अंदर गई ना , तो अपने दोस्त को ही विधायक बताता हूं , मैं नशे में हू , कि सिगरेट बुझनी नहीं चाहिए , दो पैक और बना लो , सिगरेट को छोड़ो यार , हुक्का ही जला लो , खैर छोड़ो मैं नशे में हू , दारु कम पड़ गई तो मैं कैसे जी पाऊंगा , दो चार बोतल और मगालो मैं पूरी पी जाऊंगा , मै नशे में हू , नशा नशा लिखकर , भाई का छोटा भाई की कलम नशे में हो गई, मैं शराब लिखना चाहा और वो पूरा पेज खराब कर गई , मैं नशे मे हू...✍️ ~भाई का छोटा भाई
🌹🌿🍁🌿🌹 *मनुष्य का अमूल्य धन* *उसका व्यवहार है,* *इस धन से बड़कर* *संसार में कोई और धन नहीं।* *पैसा आता है चला जाता है,* *पैसा आपके हाँथ में नहीं है* *पर व्यवहार आपके हांथों में हैं* *व्यवहारकुशल बने रहिये,* *सदैव प्रसन्न रहें।*l 🌹☘आपका हर पल सुंदर हो☘
*अभिमान तब आता है* *जब हमे लगता है हमने कुछ काम किया है,* *और* *सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है, कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है* *जो दूसरों को इज़्ज़त देता है* *असल में वो खुद इज़्ज़तदार होता है* *क्योकि* *इंसान दूसरो को वही दे पाता है* *जो उसके पास होता है।* 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚 *🙏स्नेह वंदन🙏* 🌸 *सुप्रभात* --
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 *🌹🎄प्रभात_पुष्प 🎄🌹* 👉चलते रहे कदम तो किनारा जरुर मिलेगा । अन्धकार से लड़ते रहे सवेरा जरुर खिलेगा । जब ठान लिया मंजिल पर जाना रास्ता जरुर मिलेगा । ए राही न थक, चल. एक दिन समय जरुर फिरेगा…। *🌞🍀शुभ प्रभात☘🌞* ✨✨✨✨✨✨✨
तनख्वाह कम थी , और घर की जिम्मेदारियां ज्यादा दिखी , यूं ही नौकरी नहीं छोड़ा उसमें , रिजाइन मारते वक्त , उसने अपनी एक -दो प्रॉब्लम लिखी, बोस को उसकी प्रॉब्लम नहीं दिखी , रिजाइन एक्सेप्ट कर लिया , ये भी नही पढ़ा कि उसने बात क्या लिखी, बोस को भी समझना चाहिए बंदे की बात को , ऐसे ही थोड़ी न सबके सामने बयां करेगा वो अपने जज़्बात को , यूं ही नौकरी नहीं छोड़ा उसमें , रिजाइन मारते वक्त , उसने अपनी एक -दो प्रॉब्लम लिखी, क्योकि उसको घर की जिम्मेदारी ज्यादा दिखी, राधे सर बहुत मिस करूंगा हम आपको , बॉस नहीं समझा तो क्या हुआ , मैं समझ रहा हूं आपकी जज़्बात को, ज्यादा नहीं लिख रहा हूं , यह मैसेज पहुंचाना अपने बॉस को , कुछ तो समझे बोस बंदे की बात को , मैं भाई का छोटा भाई इसीलिए मैसेज लिख रहा हूं रात को....✍️ *~भाई का छोटा भाई*
मैं ही हमेशा कहूं तुम भी कह दो कभी , हमेशा मैं ही मनाऊं तुम भी मुझे मनाओ कभी , रिश्तों मैं नोक झोंक चलती रहती है तुम यू न छोड़ कर जाओ कभी , जो कभी गलत करू तो तुम भी समझाओ कभी , हमेशा मैं ही निभाऊ तुम भी रिश्ता निभाओ कभी , हमेशा तो मैं ही लिखता रहता हूं पढ़कर तो सुनाओ तुम कभी , झूठ ही सही , पर प्यार जताओ तो कभी , मुझे भी अच्छा लगता है तारीफ सुनना मेरी तारीफ में कुछ बताओ कभी , बेशक मैं बुरा हूं पर रिश्ता अच्छे से निभाता हूं यही तो बताओ कभी , क्या जरूरत है झूठी अफवाह फैलाने की दुनिया को सच सच बताओ कभी , मैं लिखने को तो पूरा जहां लिख दूं पर यह दुनिया मेेरा लिखा पढ़े कभी , सब मुझे अच्छा बोले मैं इतना भी तो नहीं हूं सही , मोहब्बत मे नहीं टूटा हूं मैं जो आप लोग तारीफ ना करो मेरी कभी , मैं भाई का छोटा भाई कविता लिखता हूं कभी-कभी...✍️ ~भाई का छोटा भाई
#WorldPoetryDay मुझे कवि मारते रहे बार-बार , मुझे कविताओं ने बचाया हर बार...✍️ ~भाई का छोटा भाई
जीने का मन नहीं करता , मैं मौत को एक बार लिखूं , मन करता है खून पिला कर कलम से अंगार लिखूँ , अपने ही खून से मैं , अपनी समस्याओं को तमाम लिखूं , अपने अल्फाजों में , दो चार शब्द हर रोज लिखू , शरीर के हर जख्म मे अपनो का व्यापार लिखू , इस जख्म भारे शरीर को , अंग का तार तार लिखू , किस्मत को हम क्यू कोशु, अपना हि मैं सार लिखू , फिर से अपनी बर्बादी के मातम को इक बार लिखूँ , बहुत परेशान हू ज़िन्दगी से मौत को अपना हार लिखू , अपने अल्फाजों से मैं , अपने दोस्तों का प्यार लिखू, इतने मुश्किल जीवन में उम्मीदों का व्यापार लिखूँ , अपनी चलती सॉसो के पीछे मॉ बाप का प्यार लिखू , हर चीख समेट शब्दों में पीड़ा को इस बार लिखूँ , बहुत परेशान हूं जिंदगी से , मौत को अपने यार लिखू, इन शब्दो के कल्प-पुष्प से अपना अंतिम हार लिखू, उठा के अपना शीश गगन से अपने ज़िन्दगी का सार लिखू , मैं भाई का छोटा भाई पन्नों में इतिहास लिखू....✍️ ~भाई का छोटा भाई
*"आँसू न होते तो आँखे इतनी खुबसूरत न होती,* *दर्द न होता तो खुशी की कीमत* *न होती|* *अगर मिल जाता सब-कुछ केवल चाहने से,* *तो दुनिया में _"ऊपर वाले"_की जरूरत ही न होती!!* ✍ ☺🌹☺
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