जीने का मन नहीं करता , मैं मौत को एक बार लिखूं , मन करता है खून पिला कर कलम से अंगार लिखूँ , अपने ही खून से मैं , अपनी समस्याओं को तमाम लिखूं , अपने अल्फाजों में , दो चार शब्द हर रोज लिखू , शरीर के हर जख्म मे अपनो का व्यापार लिखू , इस जख्म भारे शरीर को , अंग का तार तार लिखू , किस्मत को हम क्यू कोशु, अपना हि मैं सार लिखू , फिर से अपनी बर्बादी के मातम को इक बार लिखूँ , बहुत परेशान हू ज़िन्दगी से मौत को अपना हार लिखू , अपने अल्फाजों से मैं , अपने दोस्तों का प्यार लिखू, इतने मुश्किल जीवन में उम्मीदों का व्यापार लिखूँ , अपनी चलती सॉसो के पीछे मॉ बाप का प्यार लिखू , हर चीख समेट शब्दों में पीड़ा को इस बार लिखूँ , बहुत परेशान हूं जिंदगी से , मौत को अपने यार लिखू, इन शब्दो के कल्प-पुष्प से अपना अंतिम हार लिखू, उठा के अपना शीश गगन से अपने ज़िन्दगी का सार लिखू , मैं भाई का छोटा भाई पन्नों में इतिहास लिखू....✍️ ~भाई का छोटा भाई
*"आँसू न होते तो आँखे इतनी खुबसूरत न होती,* *दर्द न होता तो खुशी की कीमत* *न होती|* *अगर मिल जाता सब-कुछ केवल चाहने से,* *तो दुनिया में _"ऊपर वाले"_की जरूरत ही न होती!!* ✍ ☺🌹☺
माली *प्रतिदिन* पौधों में पानी देता हॆ। मगर फल🍐सिर्फ *मौसम* में ही आता हॆ। इसीलिये जीवन में *धैर्य* रखें प्रत्येक चीज अपने *समय* पर होगी प्रतिदिन *बेहतर* काम करें समय पर फल जरुर मिलेगा । 🌻🌻🌻🌻🌻 *नेक लोगों की संगत से* *हमेशा भलाई ही मिलती हे,* *क्योंकि....* *हवा जब फूलो से गुज़रती हे,* *तो वो भी खुश्बुदार हो जाती हे.* 🍁*सुप्रभात*🍁 ----------
(बाप जी) भाईं तेरी यादें , वाह क्या किया करते थे वादे, तू तो जैसे गुलाब का फूल हो गया , भाई एक बार बताना तो क्या मुझसे भूल हो गया , आखिर क्यों नहीं उठाता मेरा फोन , क्या नहीं बजती तेरे मोबाइल में रिंगटोन , या फिर ज्यादा बिजी है तो समय नहीं मिलता , जैसे गर्मियों में फूल नहीं खिलता , भाई इतना एटीट्यूट भी ठीक नहीं , दो शब्द बात करने को ही तो बोल रहा हूं , तुझसे माग रहा भीख नहीं , आखिर क्यों मेरे संदेश को देख कर भी अनदेखा कर देते हो, क्यों रिप्लाई में एक शब्द नहीं लिख देते हो , मैं ज्यादा व्यस्त हूं , मैं तुझसे बात करूं मैं वो नहीं शख्स हू , आखिर क्यों नहीं लिख देते, कि मुझमे अब वो बात नहीं , वादा किया करता था जो अब वो रात नहीं, वाह सचिन दादा आपकी बात ही निराली है , क्या लिखूं आपकी तारीफ में , मेरी तो जुबान भी काली है, मैं तो उस गुलाब के कांटे जैसे हू ना कि फूल , आपका एटीट्यूड जायज है मुझसे ही हो गई भूल , हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं अब मुझे माफ कर देना , यह अपना एटीट्यूड किसी लड़की को दिखाना, मेरे पास कुछ अल्फाज नहीं था बाप जी, इसलिए आपके बारे में गलत ही जता रहा हूं, बुरा मत मानना भाई मैं पहले से बता रहा हूं....✍️ ~भाई का छोटा भाई
अब बदल गई कॉलेज वाली चाल , बीत गए कॉलेज वाले साल , आज दिन भी आ गया तेरा महाकाल , वो दोस्त की गाथा कुछ इस प्रकार बताऊंगा , वह दोस्त नहीं कलेजा था मेरा , कलेजा भी काट के दिखाऊंगा , नाम उसका अंकित काम अनगिनत किया , जिस दिन मैं कॉलेज नहीं गया उस दिन मेरी अटेंडेंस दिया, कल दोस्त कि बातों से मुझे दिल से रोना आ गया , बोला कहां है मेरी किस्मत दोस्त मैं तो पैऱ से धोखा खा गया , वो देख रहा है सपना फौज का , और देशभक्ति का जुनून छाया हुआ है , क्या करेगा मेरा दोस्त भी एक पैर से वो मार खाया हुआ है, पर उस पर जुनून इतना बोला मैं करूंगा देश भक्ति , मैं बोला सब्र कर दोस्त भगवान में बहुत है शक्ति, लगन से मेहनत कर एक दिन तू जीत जाएगा , और ये जो अभी तेरे उपर हंसते है ना इनके लिए तू इतिहास बनाएगा , और जिद पकड़ ले तू एक बात की , पोस्टिंग आएगा तू भी मेरे साथ ही, इन हाथ की लकीरों पर विश्वास करना छोड़ दो, और अपनी मेहनत पर ध्यान दो जो बीच रास्ते में आए उसे तोड़ दो , मै यकीन दिलाता हूं दोस्त के 1 दिन कामयाबी चूम लेगी कदम तेरा , दोस्त यह भाई का छोटा भाई का वादा है मेरा...✍️ ~भाई का छोटा भाई
माँ बाप का होना भी किसी खजाने से कम नहीं है , अगर मां-बाप का सर पे हाथ है तो जिंदगी में गम नहीं...✍️ *~भाई का छोटा भाई*
प्यार से ज्यादा जिम्मेदारियों का पाठ पढ़ाया जाता है , कितनी मुश्किल से कमाते हैं पैसा बचपन से हम लड़को को यही सिखाया जाता है...✍️ *~भाई का छोटा भाई*
कल मैं नीद मे था तब, एक झलक ज़िन्दगी को देखा , वो मेरी राह में गुनगुना रही थी , मैंने उसको ढूंढा उसे इधर उधर , वो सहला कर मुझे सुला रही थी , मुझे ज़िन्दगी क्यो देती है इतना दर्द, मैं उसे और वो मुझे बता रही थी , मैंने पूछा तुने मुझे ये दर्द क्यों दिया उसने कहा मैं ज़िन्दगी हु तुझे जीना सिखा रही थी , मैंने कहा जीना कहा मै तो घुट घुट कर मर रहा हूं , ये ज़िन्दगी मुझे माफ कर दे, अब मैं जीने से डर रहा हूँ, मैं अपने ही जज्बातों को लिख लिख कर पढ़ रहा हूं , थक गया जी जी के ए जिंदगी मुझे माफ कर दे , अब मैं जीने से डर रहा हूं , जख्म भरा शरीर लेकर मैं ऐसे ही धीरे-धीरे मर रहा हूं , ए जिंदगी मुझे मौत दे दे , अब मैं जीने से डर रहा हूं , वक्त सही नहीं है इसलिए मैं भाई का छोटा भाई लिखने से भी हर रहा हूं , ए जिंदगी मुझे मौत दे दे, अब मैं जीने से डर रहा हूँ , ए जिंदगी मुझे मौत दे दे, अब हम जीने से डर रहा हूं...✍️ ~भाई का छोटा भाई
जो इज्जत करे औरत जात कि मैं उसे (जताना) दूजता हूं , हां यह सच है कि मैं रावण को पूजता हूं....✍️ *~~भाई का छोटा भाई~*
मेरे दोस्त पढ़ लिखकर भी बेरोजगार हो गए..... मैं लिखना तो नहीं चाहता था , लेकिन लिखने में मजबूर हो गया , जैसे मेरा दोस्त बाहर पढ़ने गया और हमसे दूर हो गया , इतना पढ़ लिख कर भी , मेरा दोस्त बेरोजगार हो गया , क्या बीतती होगी मेरे दोस्त पर , अब वह लाचार हो गया , क्या बताऊं साहब कि मेरा दोस्त पढ़ लिखकर भी बेरोजगार हो गया , क्या सपना बुने होंगे उसके घर वालों ने , अब वह सब बेकार हो गए , कैसे बताऊं साहब कि पढ़ लिखकर मेरे दोस्त बेरोजगार हो गए , कंपटीशन इतना बढ़ गया इस जमाने में , कि बड़ा मुश्किल हो गया कमाने में , शिक्षा पैदा कर रही शिक्षित बेरोजगार, चपरासी पद के लिए भी हो रही मारामार , अगर एक जगह चपरासी की आती हैं तो हजारों इंजीनियर और other educated लाइन लगाते हैं , वाह रे वक्त कैसे कैसे दिन दिखाते हैं , उसने भी सिलेक्शन नहीं हुआ दोस्त का और दोस्त लाचार हो गया, कैसे बताऊं साहब की पढ़ लिखकर मेरा दोस्त बेरोजगार हो गया , दुनिया वाले ऐसे देखते हैं , जैसे पढ़ लिखकर उससे गुनाह हो गया , कैसे बताऊं साहब कि पढ़ लिखकर मेरा दोस्त को लेकर बेरोजगार हो गया , आजकल के तो नए युवाओं का पढ़ने लिखने से भी जी कतरता है , क्योंकि उनको पता है कि पढ़ लिखकर बंदा बेरोजगार हो जाता है , बेरोजगारी से युवाओं का हौसला टूट रहा है , इस लिए रोज सुबह, युवाओं का गुस्सा फूट रहा है , पर क्या करें अब तो वो लाचार हो गए , कैसे बताऊं साहब की पढ़ लिखकर मेरे दोस्त बेरोजगार हो गए, मां बाप के बेटे की पढ़ाई में घुटने जवाब दे गए, अब मॉ बाप भी क्या करते साहब, बेटे तो पढ़ लिखकर बेरोजगार हो गए , जब कुछ नहीं हुआ तो फिर से एक बार, SSC का उम्मीदवार हो गया , कैसे बताऊं साहब कि पढ़ लिखकर मेरा दोस्त बेरोजगार हो गया , भाई का छोटा भाई कलम डायरी पर रखा तो स्याही रोकर पार हो गया , कैसे बताऊं साहब की पढ़ लिखकर मेरा दोस्त बेरोजगार हो गया , की पढ़ लिखकर मेरा दोस्त बेरोजगार हो गया....✍️
सर मैं नया बिल गेट्स बनना चाहता हूं , यह भाई का छोटा भाई नाम नहीं , मै कुछ बडा करना चाहता हूं , सर मैं नया बिल गेट्स बनना चाहता हूं मैं पढ़ने में इतना कमजोर हूं , की Sun को सुन पढ़ता हूं , पेपरों में सभी को खटकता हूं , सर मैं नया बिल गेट्स बनना चाहता हूं , इतिहास में ऐसा लिखा कि , मुमताज ने ताज बनवाया , मजदूरों ने ताज का राज बताया , तभी गब्बर ने उनके हाथ कटवाया , कुछ भी हो , सर मैं नया बिल गेट्स बनना चाहता हूं , नहीं आती मुझे भूगोल, परीक्षा में नंबर आते हैं जीरो बटा गोल , अभी भी मै इतना कमजोर हूं , लड़की को लकड़ी पढ़ता हूं , सर थोड़ा झूठा थोड़ा सही अल्फाज मैं भी गढता हूं , अंग्रेजी में थोड़ा गरीब हू , पर गणित से ज्यादा करीब हू , कुछ भी हो, सर मैं नया बिल गेट्स बनना चाहता हूं....✍️ *~~भाई का छोटा भाई~*
बचपन लिखा तो बचपना याद आ गया , जख्म लिखा तो खून आ गया , कैसे बताऊं दोस्त कि तुम्हारी याद नहीं आती , "द" लिखा तो दोस्ती का सैलाब आ गया.....✍️ *~~भाई का छोटा भाई~*
मुझे भी हुई है मोहब्बत , मै कभी इंकार नहीं किया , मैं किसी के दिल से नहीं , मोहब्बत हिंदुस्तान से किया..... ✍️ ~भाई का छोटा भाई
मॉ बाप बच्चों को पैरों पर खड़ा करते रह गए, इसी मे माँ बाप के घुटने जवाब दे गए....✍️ *~~भाई का छोटा भाई~*
जब तक घर में था तो ठीक था मै , जब से शहर आया तब से मै "मैं" न रहा.....📝 *~~भाई का छोटा भाई~*
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