Bewafa Shayari

Hum phool hai gulab ke Chameli ka naa samjho, Hum aashiq hai tumhare Apni saheli ka naa samjho By:-#AshuTosh_ChouDhary

मैंने सीखा ही नहीं बदला लेना जिसने भी दिल दुखाया मैं उससे ख़ुशी -ख़ुशी दूर हो गया |||

दिसंबर बिखर गया है जनवरी के स्वागत में , फरवरी तो जान ही ले लेगी एक तरफ़ा चाहत में ....|||

इतनी सादगी से ना मिला करो सबसे ... ये दौर अलग है ,यहाँ आदते लगाकर छोड़ जाते है लोग ....!!

तरस जाता है दिल मेरा आपकी एक झलक देखने को . . . . . खुशनसीब है वो लोग जो तेरे साथ रहते है:

किसी चांदनी को अपना बनाने से पहले ये देख ले की ... कितने ग्रह उसके चक्कर लागते है ...||

हमने सोचा था बताएंगे दिल का दर्द तुझको, पर तुमने तो इनता भी नहीं पूछ ... खामोश क्यों हो तुम ..||

हमें तो प्यार के दो लफ्ज भी ना नसीब हुए और बदनाम ऐसे हुए जैसे इश्क के बादशाह थे हम ...|||

एक दिन मेरी आँखों ने भी थककर मुझसे कह दिया , ख्वाब वो देखा करो जो पूरे हो, रोज-रोज हमसे भी रोया नहीं जाता ...|||

डालकर आदत बेपनाह मोहब्बत की कहते है कि समझा करो वक्त नहीं है |||

चिंता मत कर मेरी जान | शक्ल तो क्या ......| तुम्हे मेरा कफ़न देखने का भी मौका नहीं मिलेगा ..... !!!!!

नमक स्वाद अनुसार, अकड औकात अनुसार.......!!!

न मेरा एक होगा, न तेरा लाख होगा, तारिफ तेरी, न मेरा मजाक होगा, गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का, मेरा भी खाक होगा, तेरा भी खाक होगा.......!!!

ग़ज़ब की एकता देखी लोगों की ज़माने में, ज़िन्दों को गिराने, मुर्दों को उठाने में.......!!!

ना शाख़ों ने जगह दी ना हवाओ ने बक़शा, वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता…..!!!