Hindi Shayari

Posted On: 10-08-2017

नफरत के बाजार में मोहब्बत बेचते है, कीमत में सिर्फ और सिर्फ दुआ ही लेते है।

Posted On: 10-08-2017

मोहब्बत हमारी भी, बहुत असर रखती है, बहुत याद आयेंगे, जरा भूल के तो देखो।

Posted On: 10-08-2017

जिन्हे सांसो की महक से ईश्क महसूस ना हो, वो गुलाब देने भर से हाल-ए-दिल क्या समझेंगे।

Posted On: 10-08-2017

इतनी दिलक़श आँखें होने का, ये मतलब तो नही.. कि, जिसे देखो.. उसे दिवाना कर दो।

Posted On: 10-08-2017

हम ने रोती हुई आँखों को हसाया है सदा, इस से बेहतर इबादत तो नहीं होगी हमसे।

Posted On: 03-08-2017

दीवाना उस ने कर दिया एक बार देख कर, हम कर सके न कुछ भी लगातार देख कर। वो जिसकी याद मे हमने खर्च दी जिन्दगी अपनी, वो शख्श आज मुझको गैर कह के चला गया। जो उनकी आँखों से बयां होते हैं, वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते हैं।

Posted On: 03-08-2017

मोहब्बत हमारी भी, बहुत असर रखती है, बहुत याद आयेंगे, जरा भूल के तो देखो। जिन्हे सांसो की महक से ईश्क महसूस ना हो, वो गुलाब देने भर से हाल-ए-दिल क्या समझेंगे। नफरत के बाजार में मोहब्बत बेचते है, कीमत में सिर्फ और सिर्फ दुआ ही लेते है। हर कदम पर जिन्दगी एक नया मोड लेती है, कब न जाने किसके साथ एक नया रिशता जोड देती है। अजीब सा हाल है कुछ इन दिनों तबियत का, ख़ुशी ख़ुशी नही लगती और ग़म बुरा नही लगता। क्या अब भी तुमको चरागों की जरुरत है, हम आ गए है अपनी आँखों में वफ़ा की रौशनी ले कर।

Posted On: 03-08-2017

वो पिला कर जाम लबों से अपनी मोहब्बत का, अब कहते हैं नशे की आदत अच्छी नहीं होती। हम ने रोती हुई आँखों को हसाया है सदा, इस से बेहतर इबादत तो नहीं होगी हमसे। इतनी दिलक़श आँखें होने का, ये मतलब तो नही.. कि, जिसे देखो.. उसे दिवाना कर दो। जिन्हे सांसो की महक से ईश्क महसूस ना हो, वो गुलाब देने भर से हाल-ए-दिल क्या समझेंगे।

Posted On: 28-07-2017

प्यास दिल की बुझाने वो कभी आया भी नहीं, कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं, बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी, एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं।

Posted On: 28-07-2017

मैंने जिसे भी चाहा अपना बनाना, सबसे पहले वही चीज मुझसे दूर हुई, एक बार जो गए फिर कहाँ मिले वो लोग, जिनके बिना मेरी जिंदगी बेनूर हुई।

Posted On: 28-07-2017

मेरी जिंदगी की कहानी भी बड़ी मशहूर हुई, जब मैं भी किसी के ग़म में चूर हुई, मुझे इस दर्द के साथ जीना पड़ा, कुछ इस कदर मैं वक़्त के हाथों मजबूर हुई।

Posted On: 28-07-2017

बरसों बाद भी तेरी जिद की आदत नहीं बदली, काश हम मोहब्बत नहीं... तेरी आदत होते।

Posted On: 28-07-2017

राह में संग चलूँ ये न गँवारा उसको, दूर रहकर वो करता है इशारे बहुत, नाम तेरा कभी आने न दिया होंठों पर, यूँ तेरे जिक्र से शेर सँवारे हैं बहुत।

Posted On: 28-07-2017

हमारे शहर आ जाओ सदा बरसात रहती है, कभी बादल बरसते हैं कभी आँखें बरसतीं हैं।

Posted On: 28-07-2017

उड़ता हुआ गुबार सर-ए-राह देख कर, अंजाम हमने इश्क़ का सोचा तो रो दिए, बादल फिजा में आप की तस्वीर बन गए, साया कोई ख्याल से गुजरा तो रो दिए।