हम शहाबुद्दीनपुर वाले है साहब उठा ले जायेंगे कानों कान खबर नहीं होगी।।🙏🙏
हम शाहबुद्दीनपुर वाले है साहब उठा ले जायेंगे कानों कान खबर नहीं होगी।।❣️❣️🙏🙏🙏
हमारे मन की यह कैसी गहमागहमी है । वो शख्स भी मुझे चाहता है यह कितनी सुन्दर गलतफहमी है ।
बहुत दर्द देती हैं तेरी यादें सो जाऊं तो जगा देती हैं जग जाऊं तो रुला देती हैं।
मेरी दोस्ती का फायदा उठा लेना क्यूंकि मेरी दुश्मनी का नुकसान तुम सह नहीं पाओगे!!!
"दिनभर तुम याद आती हो"॥ "हर तरफ तुम -ही-तुम नज़र आती हो"॥ "करते हुए तुम्हे याद मेरी आंखें भर आती है"॥ "फिर अचानक तुम्हारी तस्वीर मेरी आंखों के सामने आ जाती है"॥
तुमसे मोहब्बत का आलम है ये तुम्हारे नाम के लोग तक बेहद प्यार लगते हैं हमे
Kas pyar jaisi koi cheez na hota Ummed na hoti dil tutne ka dard na hota To sab kitna aasan hota Na kisi se koi guzaris hota Na kisi pe aitbaar Na intezar Na khuda ke faisle pe sawal....
आज उसने मेरी आवाज सुन कर फोन काट दिया पहले वो। मेरी आवाज सुन ने के लिए बेकरार हुआ करती थी क्यु की आज उसको मेरे से भी बेहतर चाहने वाला मिल गया उसके मै एक कोल का इंतजार करता रह गया और वो चली गयी
Kaash Mere Yaadon Mei Jaan Hoti Mere Chehre Pe Muskaan Hoti.. Aur Yun baar Baar Meri Aankhein Nam Na Hoti !
Khudse jitne ki zid he meri, Mujhe khudko hi harana he... Me bhir nahi is duniya ki, Mere andar bhi ak zamana he....... Kuch raasta likh dega, kuch me likh dunga, Kuch raasta likh dega, kuch me likh dunga! Tum likhte jaao mushkil, Me manzil likh dunga.......
जहा जीती पर मेरी मात हो गई है तन्हा सखसियत मेरी कायनात हो गई है देखना तुम हवा में उठेगी मेरी भी खुशबू अब मेरी जाट दरख़्त की जात हो गई है हर एक बेवफा अब ईमान से बाहर होगा शहर के दानिशवरों से मेरी बात हो गई है सिखस्त खा कर ऐसे उठा रहा हूं तजुर्बे मानो मेरी जिंदगी एक वारदात हो गई है अब मुझे डर नहीं हुस्न से मेरे जाने का जितनी मुमकिन थी एहतियात हो गई है सलीम कमल उसमे ऐसे डुबो जाता है मानो की वो लड़की नहीं दावत हो गई है
Hum jhuk gaye the apki dosti ke खातिर Ke hum jhuk gaye the apki dosti ke खातिर Par hame kya malum tha ki apku toh hamare jhukne se b fark ny padta....... -egofever
एक नये सफर पर चलना हे, और खुद को खोजना हे, खुल के जिना हे, अपना हर फेसला खुद लेना हे, अपने सर्तों पे जिना हे, चाहे कोई कुछ भी कहे, क्यूंकि ये मेरी जिंदगी हे दुख हो या सूख, सब कुछ मुझे झेलना हे, लोगों की परवा नहीं करना हे, क्यूंकि जिंदगी बहुत छोटी हे, जिसमे अनगिनत मौके हें, जिसे मुझे हर्किज़ नही गवाना हे।
मेरा आना..मेरा जाना..यूं ही नहीं है तुझे देखकर मुस्कुराना यूं ही नहीं है यूं तो गुजरता हूं कई रास्तों से लेकिन तेरी गली में ठिकाना....यूं ही नहीं है Shivkumar barman ✍️
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