तू बदनाम ना हो, सिर्फ इसलिये जी रहा हूं मै, वरना तेरी चौखट पे मरने का, इरादा तो रोज़ ही होता है…..!!!
टूट जाऊँ मोहब्बत में या फिर टूट कर मोहब्बत करुँ, इस बार मेरे पास बस इक यहीं रास्ता हैं......!!!
चाँद उतरा था हमारे आँगन में, ये सितारों को गवाँरा ना हुआ, हम भी सितारों से क्या गिला करें, जब चाँद ही हमारा ना हुआ…....!!!
उनको कहना कि आकर ये दिल भी ले जाये अब ये मेरी सुनता ही नहीं फिर इसका करूँ क्या......!!!
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा, दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है.....!!!
उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया, याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया, वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास, जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया.....!!!
जुल्फों को फैला कर जब कोई महबूबा किसी आशिक की कब्र पर रोती है, तब महसूस होता है कि मौत भी कितनी हसीं होती हे…..!!!
रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर, लोगो के मुह पे राम नाम था, और मेरे दिल में बस तेरा नाम था….!!!
चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं, मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते है, बच के रहना इन हुसन वालों से यारो, इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं......!!!
किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला, किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला, करके इश्क़ कोई ना बच सका, जो बच गया उससे तन्हाई ने मार डाला.....!!!
अब अपने ज़ख़्म दिखाऊँ किसे और किसे नहीं, बेगाने समझते नहीं और अपनो को दिखते नहीं…..!!!
ऐ मेरा जनाज़ा उठाने वालो, देखना कोई बेवफा पास न हो, अगर हो तो उस से कहना, आज तो खुशी का मौका है, उदास न हो.....!!!
इसी बात से लगा लेना मेरी शोहरत का अन्दाजा, वो मुझे सलाम करते है जिन्हे तु सलाम करती हैं......!!!
ये भी अच्छा हुआ कि, कुदरत ने रंगीन नही रखे ये आँसू, वरना जिसके दामन में गिरते, वो भी… बदनाम हो जाता….!!!
करेगा जमाना भी हमारी कदर एक दिन, देख लेना.. बस जरा वफ़ा की बुरी आदत छुट जाने दो…..!!!
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