ऐ खुदा…!! तुजसे एक सवाल है मेरा, उसके चहेरे क्यूँ नहीं बदलते, जो इन्शान "बदल" जाते है.….!!!
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करना, जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ मे क्या मांगना….!!!
साथ छोडने वालो को तो बस.. ऐक बहाना चाहिए, वरना निभाने वाले तो मौत के दरवाझे तक साथ नही छोडते.....!!!
जिंदगी तो उसकी है जिसकी मौत पे जमाना अफसोस करे, वरना जनम तो हर किसी का मरने के लिए ही होता है….!!!
पैसे के नशे में जब आदमी चूर होता है, उसे लालच का हर फैसला मंजूर होता है.....!!!
ज़िन्दगी ने आज कह दिया है मुझे, किसी और से प्यार है, मेरी मौत से पूछो, अब उसे किस बात का इंतज़ार है.....!!!
मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि, कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि....!!!
मैं मर भी जाऊ... तो उसे ख़बर भी ना होने देना, मशरूफ़ सा शख्स है... कही उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये…!!!
पढ़नेवाले की कमी है, वरना…गिरते आँसू भी एक किताब है……!!!
फिर कहीं से दर्द के सिक्के मिलेंगे, ये हथेली आज फिर खुजला रही है........!!!
भरम है.. तो भरम ही रहने दो…. जानता हूं मोहोब्बत नहीं है, पर जो भी है… कुछ देर तो रहने दो…!!!
जिन्दगी आज कल गुजर रही है इम्तिहानो के दौर से, एक जख्म भरता नही दूसरा आने की जिद करता है….!!!
मोहब्बत भी होती है तो ज़रुरत के पेश-ए-नज़र, अब एक नज़र में लुट जाने का ज़माना नहीं रहा…..!!!
ख़बरदार दुबारा मोहब्बत न करना, जरुरी नहीं हर बार खुदकुशी की कोशिश करके जिन्दा बच जाओगे....!!!
इतना, आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाता हूँ, शायद तुमने ही... पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे.…!!!
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