Zamane Ne Hume Kuch Na Dia, Hum Zamane Ko Kya De, Gujarish he Bas itni Hume To De Unki Mohabbat, Warna Maut Bhi N De. By Bikas..
तुम से ही शुरू तुम से ही खतम मेरी ज़िंदगी मेरी दुनियां तुमने मुझे जीना सिखाया इस दुनिया से लड़ना सिखाया जो तुम ना हो तो कुछ भी नही
Jaan jakhmi Dil Shayari 🥺🥀🙏💯
भगवन सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने पर… भारतवर्ष के उजाले में वृद्धि के प्रतीक पर्व…☀️ “मकर संक्रान्ति” पर आपका जीवन भी… अत्यन्त प्रकाशमान हों… आप स्वस्थ रहें… प्रसन्न रहें… और🌞 सूर्य की भांति अपने प्रकाश से विश्व को आलोकित करें…! ऐसी शुभेच्छा के साथ मकर संक्रान्ति पर्व की हार्दिक मंगल-कामनाएं 🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
تلخی مزاج سے آپ کے ختم ہوتی ہی نہیں کبھی انداز محبّت کے بدل کر بھی تو آئیے نا جناب کبھی
मोहोबात का कुछ ऐसा मंजर है प्यार तेरा सर चढ़ा है शराब पी है नशा है पर सुरूर तेरा सर चढ़ा है ना भूले है ना भूल पाने के फितूर है तेरा जो सर चढ़ा है मयंक त्यागी
गुजारे थे जो लम्हे उनके साथ अगोशी मैं जी रहे है उन्ही के साथ खामोशी मैं। मयंक त्यागी
जहा छोड़ कर गए थे वही छूटे जा रहे है। ऐसा नही मोती चमकते नही पर जितने चमकते है उतने टूटे जा रहे है। हम शांत है पर सवाल है मन के भवसागर जो बार बार कूद से पूछे जा रहे है? गलती क्या थी हमारी जो टूटे जा रहे है।। मयंक त्यागी
आग भी बुझ गई हमारे मेखाने की । एक कसक है दिल मैं तुम्हारे वापस ना आने की। बीत जायेगा ये सर्द दिन और गमगीन रात जसे बीत गई शाम हमारी मेखने की।। मयंक त्यागी
हमें तो कबसे पता था की तू बेवफ़ा है, तुझे चाहा इसलिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये
गलत लोग तो सभी के जीवन में आते है, लेकिन सीख हमेसा सही ही देकर जाते है
जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है, सर अगर झुकाओ तो सनम खुदा हो जाता है, जब तक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो, काम निकल जाने पर हमसफ़र कोई दूसरा हो जाता है…
Tere ishq me khoker me khud se juda ho jau.. Ki paaker tumhe is zamane se me fanaa ho jau.. Teri muskan ka ghayal hu me ki teri masumiyat per me lut jau.. Ashiq hu tera me ki teri har adaa per me kurban ho jau..
कम चल ऐ मेरे दिल की कलम। रुक जरा देख तोह सही तेरे कदमों में मेरे मेहबूब का नाम आया हे।
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