Khudse jitne ki zid he meri, Mujhe khudko hi harana he... Me bhir nahi is duniya ki, Mere andar bhi ak zamana he....... Kuch raasta likh dega, kuch me likh dunga, Kuch raasta likh dega, kuch me likh dunga! Tum likhte jaao mushkil, Me manzil likh dunga.......
जहा जीती पर मेरी मात हो गई है तन्हा सखसियत मेरी कायनात हो गई है देखना तुम हवा में उठेगी मेरी भी खुशबू अब मेरी जाट दरख़्त की जात हो गई है हर एक बेवफा अब ईमान से बाहर होगा शहर के दानिशवरों से मेरी बात हो गई है सिखस्त खा कर ऐसे उठा रहा हूं तजुर्बे मानो मेरी जिंदगी एक वारदात हो गई है अब मुझे डर नहीं हुस्न से मेरे जाने का जितनी मुमकिन थी एहतियात हो गई है सलीम कमल उसमे ऐसे डुबो जाता है मानो की वो लड़की नहीं दावत हो गई है
Hum jhuk gaye the apki dosti ke खातिर Ke hum jhuk gaye the apki dosti ke खातिर Par hame kya malum tha ki apku toh hamare jhukne se b fark ny padta....... -egofever
एक नये सफर पर चलना हे, और खुद को खोजना हे, खुल के जिना हे, अपना हर फेसला खुद लेना हे, अपने सर्तों पे जिना हे, चाहे कोई कुछ भी कहे, क्यूंकि ये मेरी जिंदगी हे दुख हो या सूख, सब कुछ मुझे झेलना हे, लोगों की परवा नहीं करना हे, क्यूंकि जिंदगी बहुत छोटी हे, जिसमे अनगिनत मौके हें, जिसे मुझे हर्किज़ नही गवाना हे।
मेरा आना..मेरा जाना..यूं ही नहीं है तुझे देखकर मुस्कुराना यूं ही नहीं है यूं तो गुजरता हूं कई रास्तों से लेकिन तेरी गली में ठिकाना....यूं ही नहीं है Shivkumar barman ✍️
Ye maut, ye kabr, ye janaaze, Sirf Baatein hain mere dost . Warna Mar to insaan tabhi jata hai jab use koi yaad krne wala na ho....💔
में राही सफर का मोहब्बत को छोड़ , अपनी मंजिल तक जा रहा हूँ, ऐ खुदा संभाल मुझे में तेरे पास आ रहा हूँ !
ℋ𝒶𝓂ℯ 𝓀𝓎𝒶 𝓂𝒶𝓁𝓊𝓂 𝓉𝒽𝒶 𝒦𝒾 𝒾𝓈𝒽𝓆 𝒽ℴ𝓉𝒶 𝓀𝓎𝒶 𝒽𝒶𝒾.....! 𝓌𝒶𝓈,ℯ𝓀 𝓉𝓊𝓂'𝓂𝒾𝓁ℯ 𝒪𝓊𝓇 𝓏𝒾𝓃𝒹𝒶ℊ𝒾........ 𝓂𝓊𝒽𝒷ℴℴ𝒷 𝒷𝒶𝓃 ℊ𝒶𝓎𝒾.....!❤️❤️❤️
अक्सर निकल जाता हूं रातों में, उन पुरानी गलियों में, उस खाली मकान को देखने।
मैंने सुना था कलियुग आयेगा ऐसा आयेगा और इतनी जल्दी यह कभी नहीं सोचा था
यूँ मोहब्बत में निखरता है कहाँ दीवाना शख़्स हर कोई वफ़ा पाकर बिखर जाता है
रात यूँही ढलती जाए जाम जाम से जाम टकराते जाए ना कल की फिक्र हो ना आजका पता मेरे दोस्तों की मैफिल में सब लापता हो !
लग गयी आग उस आशियाने में जिसमें तू कभी रहती थी ।
मुझे तू याद क्यू आती है वे दिली बेरहम तेरी यादें मुझे क्यूं नहीं कुछ बताती हैं । जाहिल सा गया है इस तरह कुछ आवारा पल अब तो पागल रात भी हंसकर मुझे जिंदा लाश बताती है।।
दुनिया को छोड़कर एक तुझे ही वे वजह अपनाया । फिर भी मैं तुझे सस्ता लगूं तो मैंने क्या पाया ।।
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