रात क्या होती है हमसे पूछिए , आप ऑख बंद किए तो रात कम पड़ गई...✍ ~भाई का छोटा भाई
किसको दर्द बताऊ किसको दास्ता सुनाऊ यहां सब बहरे हैं , जख्म तो नहीं हैं पर कैसे बताऊं कि दर्द गहरे हैं....✍ -bhai Ka Chhota bhai
आज सब जोड़,घटा,गुना,भाग कर दे, तू ऐसा कर मेरी मोहब्बत का हिसाब कर दे, ओर तूने आखिर क्यों भूखा रखा है पिंजरे का पंछी, अगर ये दिल से उतर ही गया है तो इसे आज़ाद कर दे
मेरे दोस्त की ख्वाहिश है कि कुछ मेरे बारे मे भी गाया जाए , मेरी भी मोहब्बत को कविताओं में आजमा जाए , यह बात पुरानी नहीं है जो मैं जता रहा हूं , इसे कहानी मत समझना मैं सच बता रहा हूं , यह बात तब की है जब हम घूम रहे थे , हम दोनों मस्ती में झूम रहे थे , वह लड़की ऐसी दिखी कि मेरे दोस्त का दिल आ गया , मुझे लगा महीना पूरा नहीं हुआ और बिल आ गया , दोस्त बोला भाई इस लड़की पर मेरा दिल आ रहा है , मैं बोला भूल गया तू अभी तू मन्दिर जा रहा है , दोस्त से रहा नहीं गया और उस लड़की से बोल दिया , अपने दिल का राज वही खोल दिया , बोला कि दिल तुम पर आ रहा तुम कहो तो ब्रेक मार दे , मैं बोला भाई गाड़ी बहक रही हैं पहले तू मुझे उतार दे , उसने मेरी बात को अनसुना कर दिया , और फिर हस कर चल दिया , दोस्त की मोहब्बत अब है कुछ इस कदर , लड़ाई होती रहती है पर नहीं पड़ता असर , अब तो लोग मेरे दोस्त की मोहब्बत की मिसाल देते हैं , अरे सच कहूं तो साल में एक दो बार कसम हम भी खा लेते हैं , इनकी मोहब्बत तो इतिहास में लिखी जाएगी , शायद ऐसी मोहब्बत अब कोई लड़की नहीं कर पाएगी , इतने मे आवाज आई गलत है मोहब्बत करना एक बंदे ने कहा , मैंने बोला इश्क का दर्द फिर तुमने क्यों सहा , गलतियाँ न गिन ओ यारा इश्क में कि किसने क्या गुनाह किया , इश्क तो एक नशा है जो मैने नहीं सिर्फ मेरे दोस्त ने किया , इनकी मोहब्बत को बहुत-बहुत बधाई , यह लिखने वाला कोई और नहीं मैं भाई का छोटा भाई.....✍ by bhai Ka Chhota bhai
नौ दिन नहीं अब नौ माह वीराज़ों माँ किसी की कोख में , बहुत पाप बढ़ गया है इस पवित्र धरती लोक मे....✍ -bhai Ka Chhota bhai
अब तो इतना बड़ा हो गया हूं कि खुद ही करना पड़ता है खुद की केयर , यहा नाम के लिए बना रखे है बड्डी पे़यर...✍ -bhai Ka Chhota bhai
दिल कह रहा है खुदकुशी कर लो , हम इंतेज़ार मे है कोई हादसा हो जाए....✍ -bhai Ka Chhota bhai
जिन्दगी के इस उतार चढ़ाव में तुम मेरे ठहराव हो महादेव
साहब चल चल के थक गया मैं , किसको बताऊं कि अब यह दर्द मुझसे सहा नहीं जाता , पांव में छाले पड़ गए यारों , कोई तो मरहम लगा दो अब मुझसे रहा नहीं जाता....✍ जख्मी बंदा -bhai Ka Chhota bhai
भरोसे के एहसास पर जिंदा रहती है मोहब्बत, सांसो से तो सिर्फ जिस्म चला करते हैं.....!
ना जरूरत उसे पूजा पाठ और उपवास की , जिसने सेवा की माँ-बाप की....✍ -bhai Ka Chhota bhai
परेशाँ हूँ, मगर तुम चाहो तो, मुश्किल मेरी आसाँ कर दो, मैं दिल की बात कह दूँ, और तुम शरमा के हाँ कर दो!
तुम्हे लगता है जैसा मै वैसा नहीं हूं , अच्छा तो हूं मै पहले जैसा नहीं हूं....✍ -bhai Ka Chhota bhai
मेरी आदतों से परेशान हो तुम , शायद मेरे दर्द से अंजान हो तुम....✍ bhai Ka Chhota bhai
अपील करें, वकील करें, दलील करें, कुछ भी करें..... गर मामला दिल का है, तो फैसला उम्र कैद ही समझें....
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