मयखाने मे छलकता शराब लीये बैठा हूँ मैं । किसी की याद में उनकी तस्वीर को सीने से लगाए बैठा हूँ मैं । मुझे मालुम है नही आएगी ओ मेरे जनाजे में । फिर भी अपनी अर्थी को सड़क पर सजाए बैठा हूँ मैं । By- S. Deepak Bhardwaj Singh
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 ⚘⚘लव यू & मिस्स यू 2511⚘⚘ ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ वो हमें इस कदर भूल जाएंगे ये हमने सोचा ना था । ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ हमारे दिल को यूं तोड़ जाएंगे ये हमने सोचा ना था । ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ क्या खता थी हमारी जो यह सजा मिली है हमको । ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ जिसको दिल से चाहा वही बेवफा हो जायेंगे ये हमने सोचा ना था । ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ 🍁🍁By- S. Deepak Bhardwaj Singh🍁🍁
🌺किसी की याद में अपने आंसुओं को कभी सूखने न दिया । 🌷🌷🌷🌷 इन आंखों में उनकी जो तस्वीर थी वह कभी मिटने न दिया ।🥀🥀🥀🥀🥀 न दिया इस दिल में जगह उसके सिवा किसी ओर को । ⚘⚘⚘⚘⚘⚘ अपने लबों पे उनके नाम के सिवा किसी ओर का नाम आने न दिया । ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 🥀MISS YOU 2511🥀 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 ⚘⚘⚘BY- शायर दीपक भरद्वाज सिंह⚘⚘⚘
जी भर क देखू तुझे अगर गवारा हो, बेताब मेरी नज़रे हो और चेहरा तुम्हारा हो, जान की फिकर हो न जमाने की परवाह, एक तेरा प्यार सिर्फ और सिर्फ हमारा हो!
Ab nind keha hai in aankhon mai Kahi koi khawab naya hai bun reha... RD
One day you will leave this world What you did good might be forgotten Why you did bad might be forgiven What you taught someone will stay forever !!!! RD
मुझ पे हँसने की ज़माने को सज़ा दी जाए , मैं बहुत खुश हूँ ये अफ़वाह उड़ा दी जाए...✍
Sifarish kerte rahiye ap hamare door jane ki Chaliye apki mushkil Aasan ker dete hai Suna hai janka sab kuchh khatam ho gya ho Wo bhi zinda rehte hai Ager zid hai jang ki, to chalo hum apne hatiyar rakh dete hai Wese to hame sir qalam bhi kerna ata hai Lekin apki khushi ke liye ye dard bhi seh lete hai
मेरी साँसों के धारा से उभरता हुआ, फनकारी देख आँखों से पर्दा को हटा और अपना तरफदारी देख ऐ सख्स, तू इल्म-ए-उरूज़ देख, मेरी मुहब्बत न देख तुझे है गुरूर खुद पर ज़रा सा तो मेरी कलमकारी देख मुहब्बत में भी क्या मुनाफा का हिसाब करता है कोई तू अन्दर से भिकारी है सख्स, अपनी दुनियादारी देख वो एक है जो इश्क़ को रूमी की इबादत सा करता है में पत्थर दिल उसके क़रीब हूँ, उसकी दिलदारी देख जिन भीड़ में तुझे सांस लेना भी मुहाल हो जाए सो भीड़ में ठहर और नयी पनपती जादूगरी देख आप ही में 'अनंत' आना का तीर दिल के कमान से चला आप ही हो सन्यासी, आप ही संसारी, एहि अदाकारी देख
हर ज़ख़्म किसी ठोकर की मेहरबानी है; मेरी ज़िंदगी की बस यही एक कहानी है; मिटा देते सनम के हर दर्द को सीने से; पर ये दर्द ही तो उसकी आखिरी निशानी है।
एक बात सुन पगली आऊंगा तेरी गली में ही, चाहे देर क्यों ना हो जाए....... लेकिन मोहब्बत तो तुझी से करुंगा फिर चाहे जेल क्यों ना हो जाए.....
Badi dur saath samandar par Jakar haj kar ke aaya Magar Bhai ke liye dil mein jo nafrat thi Woh nafrat phir saath lekar aaya
देख सका जमाने ने क्या इल्जाम लगाया है, आँखें नशीली तेरी और शराबी हमें बनाया है!
ना हिन्दू ना मुसलमान ना सिख ना ईसाई अगले जनम मोहे इंसान बना कर भेज
इश्क़ में हमने वही किया जो फूल करते हैं बहारों में, खामोशी से खिले महके और फिर बिखर गए।
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