Latest Shayari

Posted On: 13-10-2020

आँख कह देगी गज़ल, खुद इश्क बनकर देख ले! तुझको भी राँझे मिलेंगे, हीर बनकर देख ले!!

इतना दर्द सहता हू बिखर क्युं नही जाता , जिन्दा लाश बना हू मैं मर क्युं नही जाता....✍

Posted On: 12-10-2020

Kuch Log Apna Waqt Guzarne Ke Liye Dusro Ki Zindagiyan Barbad Kar Dete He Neeraj Chouhan

Posted On: 12-10-2020

CORONA Se Ab DARR Nahi Lagta Hai Sahab Ab To PYAR Se DARR Lagta Hai Qki Pyar Koi Nahi Karta Hai Sab Time Pass Karte Hai 😝😝😝😝😝 Neeraj Chouhan

किसको अर्जी दें , मुझे खुद से छुट्टी चाहिए....✍

ओ मेरे नाम की झूठे कसमे खाते रहे ।  हम उनके कसम पे एतेबार करते रहे ।  जो कहते थे हमपे सिर्फ आपका हक है ।  आज ओ हक किसी और को देने लगे ।                शायर दीपक भरद्वाज सिंह 

मेरे नाम की मेेहंदी अपने हाथो से मिटाने लगे हैं ।  किसी ओर से ओ शादि रचाने लगे हैं ।  जो कभी मेरे मंदिर की मूरत हुआ करती थीं ।  ओ कीसी ओर के साथ घर बसाने लगी हैं ।   BY - Deepak Bhardwaj Singh        

तुझको भरी मफ़िल मे बदनाम कर जायेगें । तेरी तस्वीर को सरेआम नीलाम कर जायेगें । अभी तक तुमने मेरा प्यार देखा है । अब दुसमनी की हर हद पार कर जायेगें । BY - S. Deepak Bhardwaj Singh

जिसकी याद मे सारा जहा को भुल गये । सुना है आज कल वो हमारा नाम तक भुल गये ।। कसम खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो । आज वो हमारे लाश पर आना भुल गये ।। BY - S. Deepak Bhardwaj Singh

हमसे ओ जो दुर हुए । खुदा कसम हम बहुत मज्गुर हुए । ओ हम पे एसी सजा मुकर्रर कर गए । उनके हर गली मे हम इश्क़ मे मशहूर हो गये ।। By- S. Deepak Bhardwaj Singh

आज उनको याद करके रोया । उनकी तस्वीर को सीने से लगाकर रोया ।। में रोया हूँ इस कदर उस बरसात से पुछो । जो अपने प्यार के लिए बिन मोसम रोया ।। By- S. Deepak Bhardwaj Singh

मैं शायर नही .......मैं शायर नही .......। मुझपे जो बीती मैं ओही लिखता हूँ ।। मैं लिखता हूँ किसी की याद में । और लोगों को लगता हैं मैं शायरी लिखता हूँ ।। By - S. Deepak Bhardwaj Singh

काश खुदा ने हमें आपसे मिलाया ना होता । प्यार का फुल हमारे दिल में खिलाया ना होता ।। बड़े आराम से काट लेते जिन्दगी आपनी ।। काश हमने तुमसे दिल कभी लगाया ना होता ।। By - S. Deepak Bhardwaj Singh

मुझें मत दफना अभी मेरे दोस्त । मेरे जिक्र का किशसा बांकी है । ओ हमसे मिलने आ रहे हैं । इस आस मे मेरी सास कुछ पल बांकी है । बरसों इन्तज़ार किया है इस पल का । हमारी अभी अधूरी मुलाकात बांकी है ।। BY- शायर दीपक भरद्वाज सिंह

हमारे सिवा तेरा ज़िकर कोई और करे ये हमे गवारा नहीं । तेरी रूह को कोई और छुए ये भी हमे गवारा नही ।। हम तो खुदा से भी टकरा सकते हैं आपकी खातिर । हवा भी तुमको छु कर गुजरे ये हमे गवारा नहीं ।। By- S. Deepak Bhardwaj Singh