आँख कह देगी गज़ल, खुद इश्क बनकर देख ले! तुझको भी राँझे मिलेंगे, हीर बनकर देख ले!!
इतना दर्द सहता हू बिखर क्युं नही जाता , जिन्दा लाश बना हू मैं मर क्युं नही जाता....✍
Kuch Log Apna Waqt Guzarne Ke Liye Dusro Ki Zindagiyan Barbad Kar Dete He Neeraj Chouhan
CORONA Se Ab DARR Nahi Lagta Hai Sahab Ab To PYAR Se DARR Lagta Hai Qki Pyar Koi Nahi Karta Hai Sab Time Pass Karte Hai 😝😝😝😝😝 Neeraj Chouhan
किसको अर्जी दें , मुझे खुद से छुट्टी चाहिए....✍
ओ मेरे नाम की झूठे कसमे खाते रहे । हम उनके कसम पे एतेबार करते रहे । जो कहते थे हमपे सिर्फ आपका हक है । आज ओ हक किसी और को देने लगे । शायर दीपक भरद्वाज सिंह
मेरे नाम की मेेहंदी अपने हाथो से मिटाने लगे हैं । किसी ओर से ओ शादि रचाने लगे हैं । जो कभी मेरे मंदिर की मूरत हुआ करती थीं । ओ कीसी ओर के साथ घर बसाने लगी हैं । BY - Deepak Bhardwaj Singh
तुझको भरी मफ़िल मे बदनाम कर जायेगें । तेरी तस्वीर को सरेआम नीलाम कर जायेगें । अभी तक तुमने मेरा प्यार देखा है । अब दुसमनी की हर हद पार कर जायेगें । BY - S. Deepak Bhardwaj Singh
जिसकी याद मे सारा जहा को भुल गये । सुना है आज कल वो हमारा नाम तक भुल गये ।। कसम खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो । आज वो हमारे लाश पर आना भुल गये ।। BY - S. Deepak Bhardwaj Singh
हमसे ओ जो दुर हुए । खुदा कसम हम बहुत मज्गुर हुए । ओ हम पे एसी सजा मुकर्रर कर गए । उनके हर गली मे हम इश्क़ मे मशहूर हो गये ।। By- S. Deepak Bhardwaj Singh
आज उनको याद करके रोया । उनकी तस्वीर को सीने से लगाकर रोया ।। में रोया हूँ इस कदर उस बरसात से पुछो । जो अपने प्यार के लिए बिन मोसम रोया ।। By- S. Deepak Bhardwaj Singh
मैं शायर नही .......मैं शायर नही .......। मुझपे जो बीती मैं ओही लिखता हूँ ।। मैं लिखता हूँ किसी की याद में । और लोगों को लगता हैं मैं शायरी लिखता हूँ ।। By - S. Deepak Bhardwaj Singh
काश खुदा ने हमें आपसे मिलाया ना होता । प्यार का फुल हमारे दिल में खिलाया ना होता ।। बड़े आराम से काट लेते जिन्दगी आपनी ।। काश हमने तुमसे दिल कभी लगाया ना होता ।। By - S. Deepak Bhardwaj Singh
मुझें मत दफना अभी मेरे दोस्त । मेरे जिक्र का किशसा बांकी है । ओ हमसे मिलने आ रहे हैं । इस आस मे मेरी सास कुछ पल बांकी है । बरसों इन्तज़ार किया है इस पल का । हमारी अभी अधूरी मुलाकात बांकी है ।। BY- शायर दीपक भरद्वाज सिंह
हमारे सिवा तेरा ज़िकर कोई और करे ये हमे गवारा नहीं । तेरी रूह को कोई और छुए ये भी हमे गवारा नही ।। हम तो खुदा से भी टकरा सकते हैं आपकी खातिर । हवा भी तुमको छु कर गुजरे ये हमे गवारा नहीं ।। By- S. Deepak Bhardwaj Singh
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