तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है, एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है पहले नहीं अब सोचने लगे है हम की, जिंदगी के हर लम्हे में तेरी ज़रूरत सी लगती है.
वजह तो नफरतों में तलाक की जाती है, जो बेवजह हो जाए वो मोहब्बत कहलाती है!
मोहब्बत तो हमेशा से आसान रही है, इसे जिस्म से जोड़कर लोगों ने पेचीदा बना दिया !!
इश्क किया था हमने भी, हम भी रातों को जागे थे, था कोई जिसके पीछे हम नंगे पांव भागे थे!!
नजरें तुम्हें देखना चाहे तो आंखों का क्या कसूर, हर पल याद तुम्हारी आए तो सांसो का क्या कसूर, वैसे तो सपने पूछ कर नहीं आते, पर सपने तेरी ही आए तो हमारा क्या कसूर!!
अहसास लिखूंँ जज्बात लिखूंँ या तेरी शोख अदाओं का अंदाज लिखूंँ, मेरे जहन में वो लफ्ज़ कहाँ कि तेरे हुस्न की तमाम बात लिखूँ!!
रूह को चाहने वाले अब तो शायर हो गए, जिस्मों को चाह रखने वाले आशिकी में माहिर हो गए!!
इन होठों पे वही ख्वाहिश है, दिल में भी वही अफ़साने हैं, तू अब भी मदहोश गजल है, हम आज भी तेरे दीवाने हैं!!
चाहे जितनी रहूँ मशरूफ जितने हो काम.... मन के किसी कोने में गूंजता है तेरा नाम....!!
मत आना मेरे दिल की गहराइयों में, एक बार डूबोगे तुम, तो फिर ना जमीन मिलेगी, ना ही आसमान देख पाओगे, दिल में ही कहीं गुम हो जाओगे!!
सच्चा प्यार है तभी तो इंतजार है, वरना आज के जमाने में तो एक के बाद दूसरा तैयार है!!!
हमसे हमारी उम्र ना पूछना ऐ दोस्तों, हम तो इश्क हैं, हमेशा ही जवां रहते हैं!
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे, तेरी मर्जी के मुताबिक नजर आएँ कैसे!!
एक चेहरा मुस्कुराता रोज सामने आता है, बिखरी बिखरी जिंदगी, कुछ-कुछ सवऀँर जाता है!
बहुत अजीब है ये बंदिशें मोहब्बत की, ना उसने कैद में रखा ना हम आजाद हुऐ!
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