रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते मोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूं हैं
ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था मेरा नसीब, मेरे हाथ कट गए वरना मैं तेरी माँग में सिन्दूर भरने वाला था
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो उस आदमी को बस इक धुन सवार रहती है बहुत हसीन है दुनिया इसे ख़राब करूं बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं
अपने हाकिम की फकीरी पे तरस आता है जो गरीबों से पसीने की कमाई मांगे जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे!!
तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो!!
प्यार करने वाले कहते हैं, पहला प्यार कभी भुलाया नही जा सकता है, तो माँ बाप का प्यार कैसे भूल जाते है .....
You do not know yourself how cute you are Sweetheart dear Distance does not matter You were ours even yesterday, ours are today… !!
तुझ में जो मीठास हैं वोह मिठास किसी रस में नहीं तुझे भूल जाऊ मै ये मेरे बस में नहीं फ़कीर बादशाह साब ( FAKEERA)
Aaine me bhi dekhu to tujhe hi paane laga hu, Kuch chup sa bhetu to khwab tumhare bune laga hu, Dua me bhi sirf tujhe hi mangne laga hu, Main tumhe chahne laga hu.. Subah se lekar raat tak intehzar tera hone laga hai, Tu na mile toh dil bechain rehne laga hai, Khuushiyon se kuch pyara nata dil bunane laga hai, Yeh dil tumhe chahne laga hai
वो किसी एहसास सी सुकून की चादर मैं लिपटी हुई , मैं किसी ख़्वाब सा खयालो के दायरे में सिमटा हुआ।
Aey khuda itna bhi kya maang liya maine... Ki tu mujhe rulaye chala ja raha hai... Ik Mohabbatein lamha hi toh manga tha, kaunsa waqt ke panno se jagir mangli.. Ki tu waqt bitaye chala ja raha hai..🌹
खुशबू गाँव में नहीं गाँव की मिट्टी में होती है। वो बात और किसी के पत्र में कहां जो बात गाँव से आई माँ की चिठ्ठी में होती है।
khusbu gaoin mein nahi gaoin ki mitti mein hoti hai wo bat kisi ke patra mein kaha jo bat gaoin se aayi ma ki chiththi mein hoti hai
वो लम्हे न रहे वो मौसम न रहे । हम हम न रहे तुम तुम न रहे। अगर जिन्दा रहेंगे तो सताऐंगे तुम्हे इसलिए दुआ करोवो खुदा से कि अब हम न रहे।
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