JAb se tere naino ko dekha hai... Bhool h=gaye khud ko is duniya ko... Jab se tere aachal ko dekha hai... Kya ho gaya hai pata nahi humare khayaalo ko...
Kabhi to dekha hota ki hum kahaa aur tum kahaa.. Zindagi yu hi kat rahi hai shikwon mai...
Jab se zindagi tujhe dekha, Kambakht tum hi tum nazar aate ho..
Jaaiye aap kahaa jaayenge... Dekhte hai kitne din tadpaayenge.. Tadpenge hum nahi tum khud, Jab kahi bhi hum nazar na aayenge..
jab jab yaad kiya to tum aaye... Jab jab zindagi ko dekha to tum dikhaai diye... Kabh kabh sochte hain, nahi hamesha, Sab kuch tum ho jab se zindagi mai aaye...
जिंदगी की तपिश को सहन कीजिए जनाब, अक्सर वे पौधे मुरझा जाते हैं, जिनकी परवरिश छाया में होती है!!
कोई नहीं है मेरे दिल के करीब, इतनी बड़ी दुनिया और मैं इतनी गरीब.....
कोई नहीं है मेरे दिल के करीब, इतनी बड़ी दुनिया और मैं इतनी गरीब!
यादों के उन लम्हों को भूलाऊं कैसे दिल के कैमरे से तस्वीरों को मिटाऊं कैसे आती है जब याद तो तड़पता है दिल पर इस नासमझ दिल को समझाऊं कैसे.. Er. P Ranjan
जहां गुंजाइशें है, वही हर रिश्ता ठहरता है! अजमाइशें अक्सर रिश्ते तोड़ देती है!
जिनको मैंने जन्नत मानी है उसने मेरे लिए मन्नत मांगी है
मैने तुझे चांहा था तेरे प्यार के समंदर में डूबकर। जिन्दगी का हर ख्वाब अधूरा सा रह गया तेरा साथ छूटकर । लोग तो यूं ही कहा करते है कि हर मर्ज की दवा मिल जाती है। लेकिन मै कैसै मान लूं कि वो सीसा जुड जायेगा जो कल टूटा था भरी महफिल में उसके हाथों से छूट कर...!!
कोशिश करते रहें, हार हो या जीत... जीत गए तो मीत है हार गए तो प्रीत...
खुदा तेरा इंसाफ भी बहुतों को खटकता है, कोई भूखा, कोई आशिक, आखिर क्यों भटकता है..?
हर सांस सज़्दा करती है, हर नज़र में इबादत होती है... वो रूह आसमानी होती है, जिस दिल में मुहब्बत होती है...!!
Axiiduabs is offline
BrianBuilk is offline
SarahFoeli is offline
SANTOSH is offline
Nefluche is offline
satyaraj is offline
Shaikh is offline
sumer is offline
Ghekap is offline
Rakesh Kumar is offline
sujit is offline
Navratan pal is offline
indresh is offline
Aryan is offline
Please Login or Sign Up to write your book.