Dard Bhari Shayari

वक़्त फिर वही खानी दुहरा रहा है मै तेरी आगोश में स्म रहा हूँ तू मेरी आगोश में समा रहा है

मोहब्बत का शोर नहीं सिर्फ एक एहसास होनी चाहिए और हमे जिनसे प्यार है बस उन्हें पता होनी चाहिए।

हम अपने इख़्तियार की हद से गुज़र गए, चाहा तुम्हे तो प्यार की हद से गुज़र गए, जागी है अपने दिल में गुलाबो की आरज़ू, जब मौसम-ए-बहार की हद से गुज़र गए…

मोहब्बत का पैगाम भेजा है तुम्हे, इसे महज़ एक फूल न समझना, मेरे हर एक एहसास को बयां करते है ये, इन्हे प्यार से कबूल करना।

रुकता भी नहीं ठीक से, चलता भी नहीं ठीक से, यह दिल है कि तेरी याद में, संभलता ही नहीं ठीक से

दिल की बातों को आज कहना है तुमको, धड़कन बनके तेरे दिल में रहना है हमको, कही रुक ना जाए यह मेरी साँसे, इसलिए हर पल तेरे साथ जीना है हमको।

मैंने कहा जिंदगी है तू मेरा, मैंने कहा प्यार है तू मेरा, मुझसे कभी जुदा होने का सोचना भी मत क्योंकि बस तू ही तो पहचान है मेरा।

तमाम उम्र की आरजू पे भारी था वो एक सब जो तेरी याद मैं गुजर गयी

उसकी मोहब्बत लाख छुपाई ज़माने से मैंने, मगर आँखों में तेरे अक्स को छुपा न सका।

हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब की तरह मिला करो, भटके हुए मुसाफिर को… चांदनी रात की तरह मिला करो।

ना दिल से होता है ना दिमाग से होता है, यह प्यार तो इत्तेफाक से होता है, पर प्यार करके प्यार ही मिले, ये इत्तेफाक भी किस्मत वालो के साथ ही होता है

गलतफहमी की गुंजाईश नहीं सच्ची मोहब्बत में, जहाँ किरदार हल्का हो कहानी डूब जाती है।

अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ, जैसे कोई खूबसूरत जगह हो हसीन शाम के साथ।

मेरी रूह को छू लेने के लिए बस कुछ लफ्ज ही काफी हैं, कह दो बस इतना ही कि तेरे साथ जीना अभी बाकी है।

नजरो से क्यों जलाती हो आग चाहत की, जलाकर क्यों बुझाती हो आग चाहत की, सर्द रातों में भी कराती हो तपन का एहसास, हवा देकर क्यों बढ़ाती हो आग चाहत की.