मैंने तेरा कभी जिक्र नही किया, मुझे लगता है जो मैंने किया सही किया, पर जब से तू मेरे करीब आयी हैं, जो मेरे दिल ने कहा मैंने वही किया
किसी ने मोहल्ले बदले तो किसी ने मकान बदले, किसी ने लहजे बदले तो किसी ने लिबास बदले,, मैंने देखा है लोगो को यहां, किसी ने खुदा तो किसी ने आसमान बदले
मौत को हंसकर गले लगा लेगे,, ऐ जिंदगी तूने रुलाया बहुत है
वो अपनी जुल्फों से दिन में रातें करती हैं, उसकी आँखें ta उम्र के वादे करती हैं,,, हवाएं झूमती है उसे छू कर,,और बस वो हस कर बरसातें करती हैं....
दुनिया में जन्नत जैसी कोई चाह नही होती,,, बिना ठोकरे खाए कोई मंजिल की राह नही होती
बिना मतलब के ख़ैर नही पूछती ये दुनिया..., क्योंकि ये दुनिया है, तेरी मां नही
तू कहे तो एक कतरे में बह जाऊँ...., वर्ना कोई तूफान भी मुझे हिला नही सकता..
मैंने खोया है अपनी हर प्यारी चीज़ को, मैं अपनी किस्मत फिर भी aajmaunga... एक शायरी लिखी है कभी मिलोगी तो sunaunga
तू मेरा न सही, किसी का तो बन
पहले हम उन्हें पाने की कोशिश करते थे...... और अब भुलाने की कोशिश में लगे हैं..
जरा सा फर्क़ तो रखते... दिल और खिलौने में
कदर वो है जो मौजूदगी में की जाए,, बाद में होने को पछतावा कहते हैं
कमाल का शख्स था, कैसा मिजाज रखता था,, मोहब्बत किसी और से थी शायद उसे, हमसे तो यूँही हसीं मज़ाक करता था
क्यों सजा दे रही हो... तुमसे प्यार किया इसलिए,, या तुमसे ज्यादा किया इसलिए..
कुछ तो रहम कर जिंदगी, थोड़ा संवर जाने दे.. तेरा अगला ज़ख़्म भी सह लेगे, पहला तो भर जाने दे..
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