Latest Shayari

Posted On: 11-09-2022

फूल भी अब तो तेरे स्वागत में खिल उठे यह बहार भी देख सुहानी आयी । बस मेरी तकदीर ही तो मुझसे रूठी थी पर तू क्यूं न मिलने पगली मुझसे वापस आयी ।।

Posted On: 11-09-2022

जुदा तुमने मुझे किया लेकिन खुश आज फिर भी तुम नहीं । आज चांद खफ़ा खफ़ा सा लग रहा है पास से न तो दूर से ही सही ।। दुःख तो बहुत है मुझे तेरे दर्द का अपना न तो पराया ही सही । काश ! मैं तेरे दर्द भी अपनी तरफ़ मोड़ पाता पर मैं बदकिस्मत तेरे हाथ की एक लकीर तक नहीं ।।

Posted On: 11-09-2022

पता है ओ आसमां तुझे ज़मीं याद करती है । शायद चांद खिड़की पर खड़ा है जो मेरी आंखें बात करती हैं ।।

Posted On: 11-09-2022

तेरे इश्क का कैसा यह असर है । जिस्म तो यहां है पर जां किधर है ।।

Posted On: 11-09-2022

शायद ही ऐसा कोई लम्हा गुज़रा होगा और शायद ही ऐसी मेरी कोई ग़ज़ल गयी । ज़िक्र तुम्हारा छूटा होगा पर फिक्र तुम्हारी कभी छूटी न गयी ।।

Posted On: 11-09-2022

तुम्हारे जख्मों पर मरहम लगाकर दफा हो जाऊं । मैं सोच रहा हूं तुम भी खामोश रहना और अब मैं भी खफा हो जाऊं ,।।

Posted On: 11-09-2022

कभी गुसार तो कभी करीब लिख रहा हूं । मैं तेरी कड़ियों की एक जरीब लिख रहा हूं ।।

खाली से दिल में तेरी वो हंसी आज भी दिल की दीवारों को हिला देती है हर दिन तुझसे दूर भागते है कम्बख्त ये राते हर बार तेरी याद से मिला देती है

हर दफा मोह्हबत की आड़ में धोखा दिया गया लड़ते भी तो किस से गुनेहगार कोई और नहीं में खुद ही था

"आशा " मुश्किल वक़्त में ही तो हमें अपनो की पहचान होती है कौन है साथ आपके खड़े और कौन आपके साथ नहीं है मुश्किल वक़्त इस बात का अच्छे से आभास कराता है कौन है दुख के साथी यहां आपके बस तो है और कौन सुख के साथी केवल हमारे ये वक्त बताता है मुश्किलो से पार कर हमेशा साहस की अनुभूति होती है मुश्किल घड़ी में हिम्मत ही सदा साथ हमारा तो देती है मुश्किल वक़्त जीवन में आते जाते ही सदा रहते हैं मुश्किलो से जूझ के ही हम हर मंजिल पार तो करते है जब भी आए मुश्किल वक़्त आपा ना हम कभी खोए है कहता ये मुश्किल वक़्त आत्मविश्वास का दीप जलाए है मुकाबला करे मुश्किल घड़ी का ना टुटने दे आशा को है।

Posted On: 31-08-2022

*बिखरा हुआ समाज* और *बिखरा हुआ परिवार* कभी *बादशाह* नहीं बन सकता, लेकिन वह *आपस मे लड़ कर* दूसरों को *बादशाह* जरूर बना देता है...!

Posted On: 31-08-2022

मौन है स्त्री नि.शब्द नहीं, आवाज़ है पर बोलती नहीं जज़्बात है मुंह खोलती नहीं, चाहत है पर किसी से उम्मीद नहीं पहल ना करती पर किसी से डरती नहीं, जीत की चाह नहीं हार मानती नहीं आईना है पर बिखरती नहीं, दर्द से भरी है जीना छोड़ती नहीं.....

में मिलूँगा तुम्हें खड़ा किसी पहाड़ पर बूढ़े देवदार की तरह.... तुम आना मुझसे मिलने कभी रिमझिम बारिश की बूँदो की तरह...!!!

Posted On: 30-08-2022

सपना है आंखों में मगर नींद कहीं और है, दिल तो है जिस्म में मगर धड़कन कहीं और है कैसे बयां करें अपना हाले दिल, जी तो रहे हैं मगर जिंदगी कहीं और है!

Posted On: 30-08-2022

मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल से दिल मिलता है' लेकिन मुश्किल ये है, दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है !!