Latest Shayari

जब जब रक्षा बंधन आता है उस माँ का दिल भर आता है राखी ने उसके बेटे की भी कलाई सजाई होती है काश उसने कोख में ही बेटी ना मारबाई होती।

Posted On: 09-08-2022

ना मरो सनम बेवफा के लिए, दो गज़ जमीन नहीं मिलेगी दफ़न होने के लिए! मरना हैं तो मरो वतन के लिए, हसीना भी दुप्पट्टा उतार देगी तेरे कफ़न के लिए!!

Posted On: 09-08-2022

ये बात हवाओ को बताये रखना रोशनी होगी चिरागों को जलाये रखना लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना

Posted On: 09-08-2022

गुलाब लाये है तेरे दीदार के लिए, पर वो भी मुरझा गया तेरे नूर के आगे, तू ऐसा खूबसूरत हिरा है, की कोहिनूर भी सोचे तुझे पाने के लिए।

Posted On: 09-08-2022

तुम हसीन हो, गुलाब जैसी हो, बहुत नाजुक हो ख्वाब जैसी हो, होंठों से लगाकर पी जाऊं तुम्हे, सर से पाँव तक शराब जैसी हो।

School से लेकर hospital तक सबको privata पसंद है बस लड़का सरकारी नौकरी वाला चाहिए

Posted On: 08-08-2022

गुलाब की खूबसूरती भी फिकी सी लगती है, जब तेरे चेहरे पर मुस्कान खिल उठती है, यूँही मुस्कुराते रहना मेरे प्यारे दोस्तों, तेरी खुशियों से मेरी साँसे जी उठती है।

.लुट लेना या लुट जाना। ...... यही तो पहचान है......... कौन देखता है मुहब्बत में नफ़ा है की नुक़सान है........

Posted On: 06-08-2022

टूटा हुआ फू कोई ज़िन्दगी में प्यार तोह.. कोई प्यार में ज़िदंगी दे जाता हैं

Posted On: 05-08-2022

उदासियों की वजह तो पर बेवजह खुश रहने का मजा ही कुछ और है… बहुत है जिंदगी में,

ज़ख़्म झेले दाग़ भी खाए बहुत दिल लगा कर हम तो पछताए बहुत!!

सिर्फ त्यौहार न सिर्फ राखी नहीं हीं भाई बहन का प्यार है ये रक्षा का तार है ये

'' साथ नहीं कुछ जाये तेरे '' साथ नहीं कुछ जाये तेरे , सब यहीं रह जाना हैं , पल में क्या हो जायें प्यारे , कल का नहीं ठिकाना है , दुष्प्रवृत्तियाँ पनप रहीं हैं , वे परवाह जमाना है , व्यसनों की भरमार यहाँ पे , अपनों को समझाना है , मानव अपने जीवन से , करता है खिलवाड़ यहाँ, दुरव्यसनों को नहीं छोड़ते , लिये धर्म की आड़ यहाँ , अत्याचारी बढ़ते जाते , बढ़ते अत्याचार यहाँ , बिभचारियों की कमी न , करते है बिभचार यहाँ , जैसी करनी वैसी भरनी , सोंच समझ पग धार यहाँ , सम्हल गया तो सब बनजाये , वर्ना सब वैकार यहाँ , 'चंचल' अपने जीवन में , करो सदा उपकार यहाँ , भले बुरे का निर्णय होता , कर्मो के आधार यहाँ , © दिल की बात शायरी से

Posted On: 30-07-2022

Posted On: 25-07-2022

तू ही बता क्या लिखुँ तेरे चेहरे का तिल लिखुँ या मोहब्बत में तड़पता मेरा दिल लिखुँ या मांगलू रब से ऐसी कोई कलम और उससे तू आके मिल लिखुँ