hi
राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
मत फेक पत्थर पे पानी उसे भी कोई पीता होगा । जीना है तो मुस्कुरा के जियो तुमको भी देख कर कोई जीता होगा ।🌹
पत्थरों को खुश करने के लिए फूलो का कत्ल कर आए हम । जहा आए थे अपने पाप मिटाने वहां एक और पाप कर आए हम ।
रुह पर भी दाग़ आ जाता है , जब दिलों में दिमाग़ आ जाता है
❤️ पतिया ना हिले डालि या ना हिले कुछ ऎसी हवाएं होती है । और नज़रों से भी पिलाई जाती है कुछ ऎसि भी दवाएं होती हैं।❤️
“मैं उनसे आज तक कभी पाया नहीं गया, जानॉं ! जो मेरे शौक़ के आलम मिले तुम्हें ! यूँ हो कि कोई और ही हव्वा मिले मुझे, हो यूँ कि कोई और ही आदम मिले तुम्हें..!”
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