तुमने क्या सौचा कि तुम्हारे सिवा कोई नही मुझे चाहने वाला, पगली छोङ कर तो देख, मौत तैयार खङी है मुझे अपने सीने लगाने के लीऐ…!!!
अगर इन आंसूओं की कुछ किमत होती, तो कल रात वाला तकिया अरबों में बिकता…..!!!
वो भी जिन्दा है, मैं भी जिन्दा हूँ, क़त्ल सिर्फ इश्क़ का हुआ है.…....!!!
अजीब सा जहर है तेरी यादों मै, मरते मरते मुझे सारी ज़िन्दगी लगेगी…....!!!
नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से, हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि......!!!
मेरा बस चले तो तेरी अदाँए खरीद लुँ, अपने जीने के वास्ते, तेरी वफाँए खरीद लुँ, कर सके जो हर वक्त दीदार तेरा, सब कुछ लुटा के वो निगाँहें खरीद लुँ......!!!
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो, दिल मेरा था और धडक रहा था वो, प्यार का ताल्लुक अजीब होता है, प्यास मेरी थी और सिसक रहा था वो......!!!
खुद को खुद की खबर न लगे, कोई अच्छा भी इस कदर न लगे, आपको देखा है उस नजर से, जिस नजर से आपको नजर न लगे......!!!
तू चाँद और मैं सितारा होता, आसमान में एक आशियाना हमारा होता, लोग तुम्हे दूर से देखते, नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता......!!!
दोनों जानते है के, हम नहीं एक-दूसरे के नसीब में, फिर भी मोहब्बत दिन-ब-दिन बे-पनाह होती जा रही है.......!!!
जिंदगी की हर ठोकर ने एक सबक सिखाया है रास्ता कैसा भी हो भरोषा सिर्फ अपने पैरो पर ही रखो |
وفا دل میں جگا کر ہے دکھانا اسے اپنا بنا کر ہے دکھانا ملے گی زندگی اس کے ہی در سے وہیں تو سر جھکا کر ہے دکھانا غزل ہے وہ غزل بھی خوب صورت سو اس کو گنگنا کر ہے دکھانا ادائے بے رخی آخر کہاں تک کبھی تو مسکرا کر ہے دکھانا یہی باسط محبت کی ہے طاقت ذرا نظریں اٹھا کر ہے دکھانا باسط ادیب
"आशा " मुश्किल वक़्त में ही तो हमें अपनो की पहचान होती है कौन है साथ आपके खड़े और कौन आपके साथ नहीं है मुश्किल वक़्त इस बात का अच्छे से आभास कराता है कौन है दुख के साथी यहां आपके बस तो है और कौन सुख के साथी केवल हमारे ये वक्त बताता है मुश्किलो से पार कर हमेशा साहस की अनुभूति होती है मुश्किल घड़ी में हिम्मत ही सदा साथ हमारा तो देती है मुश्किल वक़्त जीवन में आते जाते ही सदा रहते हैं मुश्किलो से जूझ के ही हम हर मंजिल पार तो करते है जब भी आए मुश्किल वक़्त आपा ना हम कभी खोए है कहता ये मुश्किल वक़्त आत्मविश्वास का दीप जलाए है मुकाबला करे मुश्किल घड़ी का ना टुटने दे आशा को है।
तुमको दे दी है इशारों में इजाज़त मैंने, माँगने से न मिलसकूं तो चुरा लो मुझको।
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे मगर, हमारी बेचैनियों की वजह बस तुम हो।
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