ये इंसानों की बस्ती है यहां इन्सान रहते है तू इसे हिन्दू या मुसलमान के इलाके ना बना फ़कीर बादशाह साब (FAKEERA)
बादशाह और शहेनशाह भी डरते है उनको भी डर लगता है तू फ़कीर बन फ़कीर को कैसा डर फकीरा किसी से घबराता नहीं है फ़कीर बादशाह साब (FAKEERA)
जब ना कोई आरज़ू ना कोई खौईश ना कोई तमन्ना तब हालात से क्या घबराना मुसीबत से क्या डरना फ़कीर बादशाह साब (FAKEERA)
कोई क्या जाने क्या हो जाएगा कौन से पल हर एक मुलाक़ात को तू आखरी मुलाक़ात समझ के चल फ़कीर बादशाह साब (FAKEERA)
कोई राजा तो कोई फ़कीर सब की अपनी क़िस्मत अपना नसीब सब का अपना मुकद्दर अपनी तकदीर कोई राजा तो कोई फ़कीर फ़कीर बादशाह साब (FAKEERA)
दुनियां में आया हैं तो दुनियां के रित रिवाज के साथ चल जैसे जैसे वक़्त बदलता हैं वैसे वैसे तू भी बदल फ़कीर बादशाह साब (FAKEERA)
जात ना पूछ आदमी की धर्म ना पूछ इंसान का अपने आप का गुरु बन जा गराक ना बन धर्म मजहब की दुकान का फ़कीर बादशाह साब (FAKEERA)
वक़्त मुझसे खेलता रहा मै वक़्त से खेलता रहा हम दोनों ज़िन्दगी भर एक दूसरो से खेलते रहे फ़कीर बादशाह साब (FAKEERA)
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